ग्वालियर के खासगी बाजार में कलां गोपाल मल्टी में बुधवार-गुरुवार दरमियानी रात (3 बजे) आग लग गई। आग मल्टी के बेसमेंट में चल रहे डोरे (धागा) बनाने के कारखाने से लगी। धागा बनाने की सामग्री भरी होने से आग तेजी से फैली है और मल्टी में दूसरे, तीसरे फ्लोर के
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फायर ब्रिगेड की टीम पहुंची तब एक के बाद एक पांच सिलेंडर ब्लास्ट हुए। हादसे में दो दमकलकर्मी पुरुषोत्तम व लोकेन्द्र झुलस गए हैं। खबर लिखे जाने तक आग पर काबू पा लिया गया था, लेकिन अभी भी राख में चिंगारी मौजूद है। आग बुझाने के लिए एयरफोर्स की फायर ब्रिगेड भी बुलानी पड़ी है।
फ्लैट में रहने वालों को आग लगने का पता तब चला, जब कारखाने से लपटें उठने लगीं और फ्लैट में धुआं भरने से दम घुटने लगा। मल्टी में अफरा-तफरी मच गई और लोग नीचे की ओर भागे। कुछ ही देर में पुलिस और फायर ब्रिगेड भी घटनास्थल पर पहुंच गई। तब तक आग फ्लैटों तक पहुंच चुकी थी। आग की भयावहता को देखते हुए एयरफोर्स की फायर ब्रिगेड भी बुलानी पड़ी। दमकल कर्मी पानी की बौछार फेंकते हुए कारखाने में घुसे तभी गैस सिलेंडर ब्लास्ट हो गए। जिससे दो दमकलकर्मी लोकेन्द्र और पुरुषोत्तम सिंह झुलस गए, जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल भेजा गया है। दमकलों ने सुबह 8 बजे आग पर काबू पा लिया था।
एक के बाद एक पांच धमाके घटना स्थल पर पहुंची पुलिस व आसपास के लोगों ने बताया कि जब दमकलकर्मी आग पर काबू पाने का प्रयास कर रहे थे तो पहले एक ब्लास्ट हुआ। समझ में आ रहा था कि सिलेंडर फटा है, लेकिन इसके बाद एक घंटे में पांच सिलेंडर फटने से आग तेजी से फैली। दमकल कर्मचारियों ने भवन के अंदर जाकर आग पर काबू पाया है।
खासगी बाजार में रही अफरा तफरी कलां गोपाल मल्टी में आग की लपटें उठते ही वहां लोगों की भीड़ लग गई। आसपास की मल्टी के लोग भी वहां पहुंच गए। आग का कारण तो पता नहीं चल सका है, लेकिन रात भर वहां अफरा तफरी का माहौल रहा है। आसपास रहने वाले भी दहशत में रहे हैं। क्योंकि यह घनी बस्ती है।
कारखाने को लेकर लोगों की नाराजगी स्थानीय लोगों का कहना है कि कलां गोपाल रिहायशी मल्टी है। इसमें नीचे डोरा बनाने का कारखाना चल रहा था, जो पूरी तरह अवैध है। आग कैसे लगी यह पता नहीं है, लेकिन कारखाने के अंदर धागा बनाने की सामग्री थी जो पूरी तरह ज्वलनशील थी। जिससे आग और तेजी से फैल गई। यदि समय रहते मल्टी में रहने वाले नीचे नहीं उतरते तो गंभीर हादसा हो सकता था।
कैसे लगी आग? आग कैसे लगी है यह पता नहीं चल सका है, लेकिन नगर निगम के दमकल कर्मियों का अनुमान है कि धागा कारखाने में पांच सिलेंडर रखे थे। शॉर्ट सर्किट से निकली चिंगारी से धागा सामग्री में आग लगी और सिलेंडर फटने से मामला बिगड़ गया।
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