Sarpanch was gunned down in broad daylight, the mastermind was PF commissioner | सरपंच को दिनदहाड़े गोलियों से भूना था, मास्टरमाइंड था पीएफ-कमिश्नर: आपसी रंजिश में हुआ था कत्ल, भागते वक्त मुंबई एयरपोर्ट से पकड़ाया था मुकेश रावत – Bhopal News Darbaritadka

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तारीख 9 अक्टूबर 2023। सूरज की किरणें बमुश्किल धुंध का पर्दा हटाने की कोशिश कर रही थीं। सड़कों पर गिने-चुने लोग थे, हवा में ठंडक थी घड़ी की सुईयां अभी 9 का आंकड़ा छू ही रही थीं कि ग्वालियर के पड़ाव थाना इलाके का कांति नगर गोलियों की गूंज से कांप उठा।

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चार सिर में, तीन सीने और पेट में लगने से लहूलुहान जिस्म की सांसें टूट चुकी थीं। पुलिस की तहकीकात में कहानी खुली। ये महज एक कत्ल नहीं था, बल्कि पुरानी रंजिश का खूनी अंजाम था। बन्हैरी गांव के रहने वाले इंदौर पीएफ कमिश्नर मुकेश रावत और उनके परिवार से विक्रम रावत की अदावत थी। कुछ अर्सा पहले एक कत्ल हुआ था- रामनिवास रावत का। वे सरपंच विक्रम रावत के चचेरे भाई थे। इस कत्ल के गवाह विक्रम रावत थे। यही उनकी मौत की वजह बनी।

खूनी इंतकाम : हत्या की खबर मिलते ही हथियारबंद समर्थकों ने बन्हैरी गांव में 40 से ज्यादा घरों पर हमला कर उन्हें आग लगा दी थी

दहशत में कई परिवार गांव छोड़कर चले गए थे

सरपंच की हत्या की खबर जब बन्हैरी (आरोन) गांव पहुंची, तो जैसे बारूद में चिंगारी पड़ गई। गुस्से में उफनते समर्थकों ने गांव में कहर बरपा दिया। 40 से ज्यादा घरों पर हमला हुआ। हथियारबंद लोगों ने लूटपाट मचाई, मकानों को आग के हवाले कर दिया। चीख-पुकार से गांव दहल उठा। औरतें बच्चों को सीने से लगाकर भाग रही थीं। लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर छुप रहे थे। कई परिवार दहशत में गांव छोड़कर चले गए। कई दिनों तक यहां कर्फ्यू जैसा सन्नाटा पसरा रहा। पुलिस की समझाइश पर कई परिवार लौटे, लेकिन अब तक दहशत में हैं।

56 दिन बाद पकड़ाया था मुख्य आरोपी

हत्याकांड से जुड़े सभी हमलावरों को गिरफ्तारी के चलते मुख्य साजिशकर्ता पीएफ कमिश्नर मुकेश रावत लगातार पुलिस को चकमा देकर फरार था। जगह-जगह छापे मारे गए, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकलने पर पुलिस ने दस हजार का इनाम भी घोषित किया था। कॉल डिटेल भी खंगाली। एक सुराग मिलने पर ग्वालियर पुलिस ने आखिरकार मुंबई एयरपोर्ट से मुकेश रावत को 56 दिन बाद दबोच लिया। दरअसल, मुकेश विदेश भागने की फिराक में था।

पुलिस एनकाउंटर में पकड़ाया था सरपंच पर गोलियां बरसाने वाला शार्प शूटर

कत्ल में शामिल पुष्पेंद्र रावत की खबर मिलते ही पुलिस पनिहार पहुंची। वो भी कम नहीं था- पुलिस पर गोलियां बरसाने लगा। मगर किस्मत ने साथ न दिया। तत्कालीन इंस्पेक्टर इला टंडन की गोली सीधे उसके पैर में लगी और वो जमीन पर गिर पड़ा। मौके पर ही पुलिस ने उसे दबोच लिया। गौरतलब है कि विक्रम रावत के परिजन ने हत्या में पुष्पेन्द्र रावत, अत्येन्द्र, बंटी और मुकेश सहित दो अन्य के नाम बताए थे। पुलिस को सीसीटीवी फुटेज में पुष्पेन्द्र और बंटी का चेहरा साफ दिखाई दिया था। पुलिस ने बंटी को पहले ही पकड़ लिया था।

मामला अभी कोर्ट में, फैसले का इंतजार

पुलिस ने इस मामले में कुल 13 लोगों पर हत्या और साजिश का मुकदमा दर्ज किया, जबकि बन्हैरी गांव में हुई हिंसा के मामले में 70 लोगों पर केस दर्ज हुआ। इंसाफ की घड़ी अभी बाकी है। मगर इस खूनी खेल की दहशत ग्वालियर की फिजा में अब तक घुली हुई है।

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