हरदा के गढ़ीपुरा स्थित 125 वर्ष पुराने पट्टाभिराम मंदिर में रामजन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। राजस्थानी शैली के इस प्राचीन मंदिर में नारदीय परंपरा से हरि कीर्तन का आयोजन हुआ। कीर्तन में राम जन्म से लेकर वनवास और राज्याभिषेक तक की कथा का सजीव वर्णन कि
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मध्यरात्रि 12 बजे भगवान राम के जन्म के समय मंदिर के पट खुले। भक्तों ने जय श्री राम के जयकारे लगाए। पुजारियों ने रामलला को माता कौशल्या के रूप में बैठी महिला की गोद में दिया। फिर उन्हें फूलों के पालने में विराजमान किया गया। भक्तों ने बारी-बारी से पालना झुलाकर जन्मोत्सव का आनंद लिया।
नारदीय परंपरा में कीर्तन गद्य और पद्य दोनों रूपों में होता है। मंदिर समिति सदस्य दिलीप गोड़बोले के अनुसार, यह भजन की एक विशेष शैली है। इसमें कथा को पद्य रूप में गाया जाता है। पुणे से आईं भजन गायिका सीमा बर्वे ने भी कार्यक्रम में भाग लिया।
इस अवसर पर इंदौर, भोपाल और महाराष्ट्र से भी भक्त पहुंचे। कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरण किया गया। उल्लेखनीय है कि यह मंदिर गुरु गोंदवलेकर महाराज द्वारा स्थापित किया गया था।
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