मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में शुक्रवार को फिर से नर्सिंग फर्जीवाड़ा मान्यता संबंधित मामले में सुनवाई हुई। हाईकोर्ट स्पेशल बेंच के जस्टिस संजय द्विवेदी और जस्टिस अचल कुमार पालीवाल ने सुनवाई की। याचिकाकर्ता की ओर से सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि एमपी
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इससे पहले मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को अपात्र नर्सिंग कॉलेजों के करीब 10 हजार स्टूडेंट्स को 30 दिन के भीतर पात्र कॉलेजों में ट्रांसफर करने का आदेश दिया है। नर्सिंग कॉलेज मान्यता फर्जीवाड़ा मामले की सीबीआई जांच में जिन कॉलेजों में छात्र नहीं मिले हैं, वो छात्र अपात्र होंगे और उन्हें परीक्षा में नहीं बैठाया जाएगा।
हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता संबंधी ओरिजिनल फाइलों को याचिकाकर्ता द्वारा अवलोकन के बाद रिपोर्ट पेश करने के निर्देश भी दिए हैं। इसमें तुलनात्मक रूप से यह बताना होगा कि जो 300 कॉलेज सीबीआई जांच में अपात्र पाए गए उन्हें आखिर किन हालात और किन-किन कमियों के होते हुए भी निरीक्षणकर्ता अधिकारियों द्वारा अनुमति दी गई।
बता दें कि नर्सिंग फर्जीवाड़ा केस में लॉ स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विशाल बघेल ने जनहित याचिका दायर की है। हाईकोर्ट ने पहले भी प्रदेश के कॉलेजों की मान्यता की फाइलें तलब कर याचिकाकर्ता को अवलोकन करने के निर्देश दिए थे। जिसके बाद याचिकाकर्ता की ओर से सौंपी गई रिपोर्ट में प्रदेश में कागजों पर चल रहे कॉलेजों और फैकल्टी फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ था।
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