महिलाओं ने शराब दुकान पर तालाबंदी कर दी।
जबलपुर के मानेगांव-मोहनिया में चार दिन पहले जिस शराब दुकान को भाजपा के मंडल अध्यक्ष और चार पार्षदों ने मिलकर बंद करवा थी, वह शराब दुकान कुछ ही घंटों बाद फिर से खुल गई। स्थानीय ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासन से मांग की थी कि यह रहवासी बस्ती में दुकान है,
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प्रशासन ने जब ग्रामीणों की बातों पर ध्यान नहीं दिया तो हिंदू संगठन की महिला कार्यकर्ता प्रीति धनधारिया स्थानीय महिलाओं के साथ दुकान के सामने धरने पर बैठ गई। जानकारी पुलिस और आबकारी विभाग को लगी तो मौके पर अधिकारी भी पहुंचे। महिलाओं की मांग है कि किसी भी कीमत में यह शराब दुकान यहां पर नहीं रहेगी।
शराब दुकान के बाहर धरना देती महिलाएं।
नए ठेके में नई जगह खुल गई दुकान
स्थानीय लोगों को कहना है कि बीते साल यह दुकान मोहनिया गांव से बाहर परशुराम कुंड के पास में थी। जहां पर कि महिलाओं और बच्चों का जाना नहीं होता है, लेकिन इस वर्ष शराब दुकान को नए ठेकेदार ने लिया, जिसके चलते दुकान का स्थान परिवर्तन कर दिया गया।
धरने पर बैठी प्रीति धनधारिया ने बताया-
जहां पर शराब दुकान खुली है, उसके पास ही मंदिर है। चंद कदमों की दूरी पर स्कूल है। ऐसे में यहां पर शराब दुकान को खोलना सही नहीं है।
महिला धरने पर बैठी हुई है, यह जानकारी मिलते ही आबकारी के कुछ कर्मचारी भी मौके पर पहुंचे और धरने पर बैठी महिला को समझने की कोशिश की लेकिन महिलाओं का कहना था कि जब तक यहां से दुकान नहीं हटती है, तब तक वह धरने पर बैठी रहेगी। गुरुवार शाम को महिला ने शराब दुकान पर तालाबंदी कर दी, इसके साथ ही चेतावनी दी कि अगर शराब दुकान खुली तो फिर उग्र आंदोलन किया जाएगा।
शुक्रवार को भी हुआ प्रदर्शन
गुरुवार को महिलाओं के द्वारा तालाबंदी के बाद पुलिस-प्रशासन मौके पर पहुंचा और दुकान का ताला खुलवाया। शुक्रवार को एक बार फिर से गांव की महिलाओं ने दुकान के बाहर धरना दे दिया।
कई घंटों तक चले प्रदर्शन की जानकारी स्थानीय कैंट विधानसभा के विधायक अशोक रोहाणी को दी गई, जिस पर उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द से जल्द दुकान को कहीं और शिफ्ट कर दिया जाएगा।
महिलाओं का कहना है कि विधायक के आश्वासन के बाद भी अगर 2 दिन में शराब दुकान को नहीं हटाया जाता है, तो फिर से प्रदर्शन किया जाएगा।
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