मकानमालिक ने किराएदार से कही ये बातImage Credit source: Pixabay
आज के समय में मंहगाई इतनी ज्यादा बढ़ गई है कि लोग मकान लेने के बजाय किराए पर ही रहना पसंद करते हैं. हालांकि कई बार मकान मालिक अपने किराएदारों के सामने ऐसी-ऐसी शर्त रख देते हैं. जिसे देखने के बाद लोगों को काफी ज्यादा हैरानी का सामना करना पड़ता है. ऐसा ही एक किस्सा इन दिनों सामने आया है. जहां एक मकान मालिक ने अपने किराएदार को मकान मालिक को ऐसे निर्देश. जिसके बारे में जानने के बाद यकीन मानिए आप हैरान रह जाएंगे और सोच में पड़ जाएंगे.
ITR फाइल करना हर टैक्सपेयर की जिम्मेदारी होती है. जिससे वो सरकार को अपनी सालाना आय और टैक्स की जानकारी दे पाए. इसके अलावा, लोन लेने, वीजा अप्लाई करने और टैक्स रिफंड पाने के लिए भी यह जरूरी माना जाता है. हालांकि इन दिनों जो किस्सा सामने आया है, उसमें एक मकान मालिक ने अपने किराएदार से ITR फाइल करते समय किराए की असली रकम से कम राशि दिखाने को कहा है. अपनी इस बात को कहते हुए किराएदार ने पोस्ट करते हुए कहा कि उसे ऐसा करना चाहिए.
यहां देखिए पोस्ट
Landlord asking to reduce rent in ITR filing
byu/ErenJaeger22 inIndiaTax
पोस्ट के अनुसार, मकान मालिक चाहता है कि किराएदार ITR में हर महीने का किराया 12,800 रुपये दिखाए, जबकि असल में वह हर महीने 14,000 रुपये देता है. मकान मालिक का कहना है कि बाकी 1,200 रुपये वह मेंटेनेंस चार्ज के तौर पर लेता है. लेकिन किराएदार का दावा है कि उसके रेंट एग्रीमेंट में 14,000 रुपये मेंटेनेंस सहित तय है और कहीं भी मेंटेनेंस का अलग से उल्लेख नहीं है. किराएदार ने रेडिट पर पूछा कि अगर वह 12,800 रुपये का ही रेंट डिक्लेयर करता है तो क्या इससे भविष्य में टैक्स वेरिफिकेशन के दौरान कोई समस्या आ सकती है? उसने यह भी जानना चाहा कि ऐसे हालात में सबसे सुरक्षित और सही रास्ता क्या होगा.
ये पोस्ट इंटरनेट की दुनिया में आते ही वायरल हो गया और लोग इस पर कमेंट कर अपनी प्रतिक्रिया देने लगे. एक और यूजर ने बताया कि मकान मालिक को पहले से ही 30% स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ मिलता है, जिसमें मेंटेनेंस शामिल होता है. वहीं दूसरे ने पोस्ट पर कमेंट कर लिखा कि अगर तुम अपनी कंपनी से HRA (हाउस रेंट अलाउंस) का क्लेम कर रहे हो, तो जरूरी है कि वही आंकड़े दर्ज हों जो दस्तावेजों में दर्ज होना चाहिए. एक यूजर ने सुझाव दिया कि मकान मालिक से कहो कि तुम्हारा CA पहले ही रिटर्न फाइल कर चुका है, और वह रेंट एग्रीमेंट और बैंक ट्रांसफर के आधार पर किया गया है.
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