There is a huge crowd of devotees at Bhatanwara Kalika Mata Temple during Navratri | नवरात्रि में भटनवारा कालिका माता मंदिर में भक्तों का तांता: मौर्यकालीन प्रतिमा दिन में तीन बार बदलती है भाव-भंगिमा, सूर्य की दिशा में घूमती हैं आंखें – Satna News Darbaritadka

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सतना के भटनवारा में स्थित कालिका माता का मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया है। जिला मुख्यालय से 13 किलोमीटर दूर अमरपाटन मार्ग पर स्थित यह मंदिर अपनी चमत्कारिक शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है।

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मंदिर के पुजारी प्रभात शुक्ला के अनुसार, माता की मौर्यकालीन प्रतिमा में अद्भुत शक्ति है। प्रतिमा दिन में तीन बार अपनी भाव-भंगिमाएं बदलती है। देवी की आंखें सूर्य की दिशा में घूमती रहती हैं। सूर्य के तेज के साथ-साथ प्रतिमा का तेज भी बढ़ता जाता है। प्रतिमा और माता की आंखों में इतना तेज होता है कि कोई भी अधिक समय तक सीधी दृष्टि से नहीं देख पाता।

राज परिवार ने की थी मंदिर की स्थापना​​​​​​​ ​​​​​​​भटनवारा का ऐतिहासिक महत्व भी है। यह परिहार राजवंश की रियासत का हिस्सा था। मंदिर की स्थापना राज परिवार ने की थी और मंदिर के पास ही राजा की गढ़ी स्थित है। एक रोचक कथा के अनुसार, यह प्रतिमा पहले करारी नदी के पास स्थित थी। चोरों ने इसे चुराने का प्रयास किया, लेकिन वे इसे ज्यादा दूर नहीं ले जा सके। माता ने एक भक्त को स्वप्न में दर्शन दिए, जिसके बाद राजा ने वर्तमान मंदिर का निर्माण करवाया।

नवरात्रि के दौरान यहां श्रद्धालुओं की विशेष भीड़ उमड़ती है। भक्तों का विश्वास है कि माता कालिका उनकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।

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