September deadline for Bhopal Metro | भोपाल मेट्रो के लिए सितंबर की डेडलाइन: एमडी हर सप्ताह करेंगे रिव्यू; अक्टूबर में पीएम मोदी कर सकते हैं शुभारंभ – Bhopal News Darbaritadka

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भोपाल में मेट्रो के कमर्शियल रन से पहले एमडी एस. कृष्ण चैतन्य बाकी बचे काम पर अधिकारियों से चर्चा करते हुए।

भोपाल मेट्रो के बचे हुए काम अब तेजी से पूरे किए जा रहे हैं। सभी काम सितंबर तक खत्म करने की डेडलाइन तय की गई है। इसके बाद अक्टूबर या नवंबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मेट्रो की शुरुआत कर सकते हैं।

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अभी एम्स, अलकापुरी और डीआरएम तिराहा स्टेशनों पर सबसे ज्यादा ध्यान दिया जा रहा है। खासतौर पर इनकी एंट्री और एग्जिट पर काम तेजी से चल रहा है।

मेट्रो के एमडी एस. कृष्ण चैतन्य हर हफ्ते काम की प्रगति की समीक्षा कर रहे हैं। हाल ही में उन्होंने मेट्रो डिपो और स्टेशनों का दौरा किया। डिपो में रैम्प, कंट्रोल रूम, ट्रेनिंग बिल्डिंग, टेस्ट ट्रैक और मेंटेनेंस बे जैसे हिस्सों का निरीक्षण किया गया और जल्दी काम पूरा करने को कहा गया है।

अब पूरा फोकस इसी बात पर है कि तय समय में काम खत्म हो और भोपाल में मेट्रो सेवा की शुरुआत हो सके।

मेट्रो के एमडी एस. कृष्ण चैतन्य ने मेट्रो डिपो और स्टेशनों का दौरा किया।

ड्रेनेज सिस्टम पर ध्यान देने के निर्देश एमडी एस. कृष्ण चैतन्य ने कॉन्ट्रैक्टर को निर्देश दिए हैं कि मेट्रो निर्माण स्थलों पर ड्रेनेज सिस्टम को दुरुस्त रखें, ताकि बारिश के दौरान काम में कोई रुकावट न आए। उन्होंने कहा कि जलभराव की स्थिति से बचने के लिए पहले से तैयारी की जाए।

कमर्शियल रन से पहले दो चरणों में होगी तकनीकी जांच

इंदौर में 31 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मेट्रो का वर्चुअल उद्घाटन किया था। अब अगला फोकस भोपाल मेट्रो पर है।भोपाल मेट्रो के डिपो के अधूरे कामों के साथ-साथ एम्स, अलकापुरी और डीआरएम तिराहा स्टेशनों पर एंट्री-एग्जिट, सिविल वर्क, सिस्टम, रोलिंग स्टॉक, ट्रैफिक, सिग्नलिंग और आंतरिक व बाहरी निर्माण कार्य तेजी से पूरे किए जा रहे हैं। इन्हें अगस्त-सितंबर तक हर हाल में पूरा करने का लक्ष्य तय किया गया है।

इसके बाद RDSO (रिसर्च डिजाइन एंड स्टैंडर्ड ऑर्गेनाइजेशन) की टीम भोपाल मेट्रो की तकनीकी जांच करेगी। इसके लिए सभी जरूरी दस्तावेज पहले ही जमा किए जा चुके हैं। RDSO की अनुमति के बाद, CMRS (कमिश्नर मेट्रो रेल सेफ्टी) की टीम अंतिम निरीक्षण करेगी। ओके रिपोर्ट मिलने के बाद ही भोपाल मेट्रो में यात्रियों की आवाजाही शुरू हो सकेगी।

इंदौर में मेट्रो का कमर्शियन रन पूरा हो चुका है।

साल 2018 में शुरू हुआ था काम भोपाल में मेट्रो का पहला रूट एम्स से करोंद तक 16.05 किलोमीटर लंबा है। इसमें से 6.22 किमी एम्स से सुभाष नगर के बीच का काम प्रायोरिटी कॉरिडोर के रूप में 2018 में शुरू हुआ था। सुभाषनगर से आरकेएमपी स्टेशन तक काम पूरा हो गया है। इसके आगे अलकापुरी, एम्स और डीआरएम मेट्रो स्टेशन तक ट्रैक का काम हो चुका है और मेट्रो यहां तक पहुंच चुकी है। वहीं, दोनों स्टील ब्रिज की लोड टेस्टिंग भी की जा चुकी है।

भोपाल में पूर्व सीएम शिवराज ने किया था ट्रायल 3 अक्टूबर 2023 को भोपाल में पहली बार मेट्रो ट्रैक पर दौड़ी थी। तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सुभाषनगर से रानी कमलापति स्टेशन तक मेट्रो में सफर किया था। इसके बाद से ही लगातार टेस्टिंग की जा रही है। मेट्रो सबसे ज्यादा स्पीड 80Km प्रति घंटे से भी दौड़ चुकी है। इतनी ही स्पीड में कॉमर्शियल रन भी होगा। हालांकि, इससे पहले सुरक्षा के तमाम पैमाने जांचें जाएंगे। इसे सीएमआरएस टीम ही जांचेंगी। भोपाल में यह टीम अगले कुछ महीने में आ जाएगी।

भोपाल में इसलिए देरी से कॉमर्शियल रन पिछले साल रेलवे ट्रैक और डीआरएम तिराहे पर दो स्टील ब्रिज भी लॉन्च कर दिए गए थे। वहीं, मार्च में दोनों ब्रिज की लोड टेस्टिंग भी कर ली गई। पहले सुभाषनगर से आरकेएमपी स्टेशनों के बीच ही मेट्रो को चलाने का प्लान था, लेकिन अब यह पूरे 6.22 किमी में दौड़ेगी। चूंकि, अभी स्टेशन में काम बाकी है। इसलिए इसे प्रायोरिटी में न लेते हुए इंदौर में पहले मेट्रो दौड़ाने का प्लान तैयार किया गया। पिछले 6-8 महीने से पूरा फोकस इंदौर पर रहा। छोटे-बड़े काम जल्दी निपटाए गए। इसलिए इंदौर में पहले मेट्रो चली।

6.22 Km लंबा है प्रायोरिटी कॉरिडोर भोपाल में मेट्रो का 6.22 किमी लंबा प्रायोरिटी कॉरिडोर है। अगले कुछ महीनों में कॉमर्शियल रन शुरू करने का प्लान है। इसके बाद जब आप मेट्रो ट्रेन में सफर करने के लिए स्टेशन में एंट्री करेंगे तो आपको ठीक वैसी तस्वीर नजर आएगी, जो किसी एयरपोर्ट के अंदर की होती है। अंदर फूड प्लाजा और कुछ शॉप भी रहेंगी।

जहां से आप खाने-पीने और जरूरत का सामान भी खरीद सकेंगे। इसके लिए मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने तैयारी भी शुरू कर दी है। एक्सपर्ट के जरिए प्लान तैयार कर रहे हैं। ऐसा ही प्लान इंदौर मेट्रो स्टेशनों के लिए भी बनाए जाएंगे।

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