Only 39 doctors out of 140 posts, 200 nurse posts vacant | सुपर स्पेशिएलिटी की हकीकत: 140 पदों पर मात्र 39 डॉक्टर, नर्स के 200 पद खाली – Indore News Darbaritadka

Spread the love

237 करोड़ का सुपर स्पेशिएलिटी अस्पताल तीन साल बाद भी इलाज के मामले में अधूरा ही है। सबसे बड़ी बात यहां अगर इलाज कराना है तो मरीज को पहले एमवायएच जाना पड़ेगा या फिर किसी नेता-अफसर की सिफारिश चाहिए होगी। अस्पताल में आईसीयू मिलाकर 403 बेड हैं, लेकिन अधिकतम

.

इसकी बड़ी वजह स्टाफ की कमी है। डॉक्टर्स के 140 पद हैं, जिन पर मात्र 39 डॉक्टर काम कर रहे हैं। नर्स के भी 200 पद खाली पड़े हैं। इन्हीं अव्यवस्थाओं के चलते जो डॉक्टर्स पदस्थ किए गए थे, वे भी नौकरी छोड़कर जा रहे हैं। दो साल में ही न्यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, कार्डियोलॉजी सहित अन्य ब्रांच के 12 डॉक्टर नौकरी छोड़ चुके हैं।

260 में से 70 नर्स अवकाश पर, 90 के भरोसे अस्पताल किसी भी बड़े अस्पताल को चलाने में नर्सों और रेसीडेंट डॉक्टरों की बड़ी भूमिका होती है, क्योंकि वे तीन शिफ्ट में 24 घंटे अस्पताल में मौजूद रहते हैं, लेकिन सुपर स्पेशिएलिटी में नर्सों के पद ही नहीं भर पा रहें 260 नर्स पदस्थ हैं। इनमें से 70 अवकाश पर हैं। 30 ने मेटरनिटी, 4 ने चाइल्ड केयर लीव ली है। नर्सों के 200 पद खाली हैं।

यानी नर्सों के 460 पदों में से सिर्फ 260 पद भरे हैं। इनमें भी मेल नर्सों की याचिका के कारण 135 नियुक्तियां संकट में हैं। फिलहाल 190 नर्सों के भरोसे अस्पताल चल रहा है। तीन शिफ्ट में पांच मंजिला अस्पताल में इनकी ड्यूटी लगाई गई है। ओटी, आईसीयू, इमरजेंसी और वार्डो में इनकी सेवाएं लेना पड़ रही है।

403 बेड के अस्पताल में अधिकतम 300 मरीज ही भर्ती हो पा रहे

110 रेसीडेंट डॉक्टरों की तुलना में एक चौथाई भी नहीं रेसीडेंट डॉक्टरों के ही 110 पद हैं। सामान्य रूप से 50 से 60 डॉक्टर्स यहां मौजूद रहते हैं, लेकिन अब इतने भी नहीं हैं। ज्यादातर एक साल की अवधि पूरी होने के बाद यहां से नौकरी छोड़कर जा चुके हैं। दरअसल, पीजी करने वाले डॉक्टर्स को एक साल की एसआर शिप मिलती है। एक साल में वह बॉण्ड अवधि भी पूरी कर लेते हैं। इस साल जनवरी-फरवरी में एसआर की भर्ती के लिए विज्ञापन भी बुलवाया गया था, लेकिन बाद में उसे निरस्त कर दिया। अब स्थिति यह है कि वार्डों में ड्यूटी के लिए अस्पताल प्रबंधन के पास एसआर की संख्या कम है।

सर्जिकल गेस्ट्रोलॉजी में कोई एक्सपर्ट आने को तैयार नहीं यहां 12 सुपर स्पेशिएलिटी ब्रांच हैं। इनमें से सर्जिकल गेस्ट्रोलॉजी ब्रांच तो शुरू ही नहीं हो पाई है। इसकी वजह यह है कि कई बार विज्ञापन निकालने के बाद भी कोई यहां नौकरी करने को तैयार नहीं है। गेस्ट्रोएंट्रोलॉजी विभाग में भी पेट रोग विशेषज्ञ डॉ. अमित अग्रवाल काम कर रहे हैं, लेकिन वे भी प्रतिनियुक्ति पर आए हैं। इस विभाग में भी नई भर्तियां नहीं हो सकी हैं। डॉक्टरों का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन ने कई सालों से प्रमोशन नहीं किए हैं।

वृद्धा की दोनों किडनी फेल, फिर भी एमवाय भेज दिया सूर्यदेव नगर की 65 साल की महिला की दोनों किडनी फेल हो गई थी। परिजन सुपर स्पेशिएलिटी पहुंचे। वहां बताया गया कि एमवायएच जाओ। वहां पर्ची बनेगी। वहां से रैफर होगा, तभी भर्ती करेंगे। ऐसे ही डायबिटिक फुट के मामले में अस्पताल प्रशासन मरीज को भर्ती करने के लिए तैयार था, लेकिन सवाल यह खड़ा हुआ कि इलाज सर्जरी विभाग करेगा। उसके लिए एमवायएच में ही जाना होगा।

सीधी बात – डॉ. अरविंद घनघोरिया, डीन, एमजीएम, मेडिकल कॉलेज, इंदौर

खाली पदों की जानकारी बुलवाई है, नियुक्ति जल्द करेंगे

सवाल : सीनियर डॉक्टरों के पद नहीं भर पा रहे। मरीजों को मुसीबत झेलना पड़ रही है? जवाब : सभी अस्पतालों और विभागों से डॉक्टरों के सभी खाली पदों की जानकारियां बुलवाई हैं। भर्ती प्रक्रिया प्रचलन में है।

सवाल : सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में एसआर के पदों पर अब तक भर्तियां नहीं हो पाई हैं? जवाब- सुपर स्पेशिएलिटी, एमवाय सहित अन्य सभी अस्पतालों में एसआर (सीनियर रेसीडेंट) के पदों पर भर्ती की जा रही है। दो हफ्ते लगेंगे।

सवाल : सुपर स्पेशिएलिटी हॉस्पिटल में एसआर के पदों पर अब तक भर्तियां नहीं हो पाई हैं? जवाब- सुपर स्पेशिएलिटी, एमवाय सहित अन्य सभी अस्पतालों में एसआर (सीनियर रेसीडेंट) के पदों पर भर्ती की जा रही है। दो हफ्ते लगेंगे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *