ऐसी चीज को खाकर महिला को हो रही है एलर्जी
दुनिया का शायद ही कोई शख्स ऐसा होगा, जिसे अपने वतन को छोड़ना अच्छा लगता हो. हालांकि कई बार इंसान के पल्ले ऐसी मजबूरी फंस जाती है कि उसे अपना वतन छोड़कर बाहर जाना पड़ता है. कभी कोई नौकरी की वजह से, तो कभी किसी और कारण से… लेकिन क्या आपने कभी सुना है कि किसी इंसान को सिर्फ खाने की वजह से देश छोड़ना पड़े? सुनने में आपको ये बात अजीब थोड़ी जरूर लग सकती है, लेकिन ये कहानी एकदम सच्ची है.
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका की रहने वाली एक महिला बी (Bee) के साथ ऐसा ही हुआ. उन्हें एक रहस्यमयी एलर्जी थी, जिसकी वजह से उनका शरीर रोज़ नए चकत्तों और गंभीर रिएक्शन से जूझ रहा था. हालत इतनी बिगड़ गई कि उन्होंने अमेरिका छोड़कर यूरोप में बसने का फैसला किया.
कैसे ही हालत?
बी को मास्ट सेल एक्टिवेशन सिंड्रोम (MCAS) नाम की दुर्लभ बीमारी है. इसमें शरीर की इम्यून सेल्स बिना कारण ही एक्टिव हो जाती है और ज़्यादा मात्रा में केमिकल छोड़ती हैं. जिससे तेज एलर्जी जैसी प्रतिक्रियाएं होती हैं, जैसे खुजली, सूजन, उल्टी, ब्लड प्रेशर गिरना और मानसिक भ्रम…जैसी स्थिती पैदा हो जाती है.
आलम तो ऐसा है कि बी अगर नॉर्मल चीज गेहूं की ब्रेड और यहां तक कि ताज़ी सब्ज़ियां खाती है तो उन्हें ये समस्या देखने को बराबर मिलती है. उनके शरीर की हालत ऐसी हो गई है कि वो लगातार एनाफिलैक्सिस और पेट दर्द जैसी परेशानियों से जूझ रही थीं. नवंबर 2024 में यूरोप शिफ्ट होने से पहले उनका खानपान सिर्फ तीन चीज़ों तक सिमट गया था: ब्रोकोली, नारियल और चिकन. लेकिन जैसे ही उन्होंने देश बदला, उनका शरीर अलग तरह से रिएक्ट करने लगा.
सुनाई ये शॉकिंग कहानी?
यूरोप पहुंचकर उन्होंने TikTok पर एक सीरीज़ शुरू की जिसमें वह अमेरिका में एलर्जी देने वाले खाद्य पदार्थों को खाकर दिखाती हैं. एक वीडियो में उन्होंने बताया कि गलती से उन्होंने कुछ ऐसा खा लिया जिससे पहले गंभीर एलर्जी होती थी, लेकिन इस बार कुछ नहीं हुआ. बी का मानना है कि अमेरिका में उनकी एलर्जी की असली वजह वहां के खाद्य पदार्थों में मौजूद मायकोटॉक्सिन्स थे, जो फफूंद से निकलने वाले विषैले तत्व होते हैं. ये अक्सर खराब भंडारण और ढीले खाद्य सुरक्षा नियमों की वजह से भोजन में मिल जाते हैं.
बी कहती हैं कि यूरोप और कई अन्य देशों में इन टॉक्सिन्स पर कड़ी निगरानी होती है, इसलिए वहां का खाना ज़्यादा सुरक्षित होता है. हालांकि, मशहूर एलर्जिस्ट डॉ. रुबिन ने चेतावनी दी है कि ऐसी गंभीर एलर्जी वाले लोगों को बिना डॉक्टर की देखरेख के खुद से ऐसे प्रयोग नहीं करने चाहिए, क्योंकि यह जानलेवा साबित हो सकता है.
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