नवरोज़ 2025: Nowruz 2025: Meaning, Date & How Is This Persian New Year Celebrated? Everything You Need to KnowNowruz 2025: Meaning, Date & How Is This Persian New Year Celebrated? Everything You Need to Know

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Nowruz 2025

नवरोज़ (Nowruz) का इतिहास और महत्व
नवरोज़ एक पारंपरिक पारसी और फारसी नववर्ष है, जिसे वसंत विषुव (Spring Equinox) के दिन मनाया जाता है। यह पर्व 3000 से अधिक वर्षों से मनाया जा रहा है और इसका मुख्य संबंध प्रकृति, नवजीवन और पुनर्जन्म से है।

नवरोज़ शब्द फारसी भाषा के दो शब्दों “नव” (नया) और “रोज़” (दिन) से मिलकर बना है, जिसका अर्थ है “नया दिन”। यह त्यौहार मुख्य रूप से ईरान, अफगानिस्तान, ताजिकिस्तान, अज़रबैजान, तुर्कमेनिस्तान, भारत और पाकिस्तान में रहने वाले पारसी और फारसी समुदायों द्वारा मनाया जाता है।

नवरोज़ 2025 कब है? Nowruz 2025
नवरोज़ हर साल 20 या 21 मार्च को मनाया जाता है, जब दिन और रात बराबर होते हैं। नवरोज़ 2025, 20 मार्च को मनाया जाएगा।


कैसे मनाया जाता है नवरोज़?

  1. घर की सफाई और सजावट
    नवरोज़ की तैयारियां कई हफ्ते पहले शुरू हो जाती हैं। घरों की सफाई की जाती है, जिससे यह संकेत मिलता है कि बीते साल की नकारात्मक ऊर्जा को हटा कर नई सकारात्मकता का स्वागत किया जाए।
  2. हफ्त-सीन (Haft-Seen) सजाना
    पारसी और फारसी परिवार एक विशेष टेबल सजाते हैं जिसे हफ्त-सीन कहा जाता है। इसमें सात ऐसी चीजें रखी जाती हैं जिनका नाम फारसी अक्षर “स” (S) से शुरू होता है। ये वस्तुएं होती हैं:
    • सेब (Sib) – सौंदर्य और स्वास्थ्य
    • सेंजब (Senjed) – प्रेम और निष्ठा
    • सिरका (Serkeh) – धैर्य और वृद्धावस्था
    • सूमनू (Samanu) – शक्ति और समृद्धि
    • संगद (Sangad) – पुनर्जन्म
    • सिर (Sir – लहसुन) – दवा और सुरक्षा
    • सब्ज़ी (Sabzi) – नई ज़िंदगी और पुनर्जन्म
  3. आतिश (आग) का महत्व
    पारसी समुदाय में आग को पवित्र माना जाता है, इसलिए लोग अग्नि मंदिरों में जाकर प्रार्थना करते हैं। साथ ही, कुछ जगहों पर “चहारशंबे सूरी” नामक परंपरा निभाई जाती है, जिसमें आग के ऊपर से कूदकर लोग पुराने साल की परेशानियों को दूर करने का प्रतीकात्मक संदेश देते हैं।
  4. पारंपरिक भोजन
    नवरोज़ के दिन खास पारसी और फारसी व्यंजन बनाए जाते हैं। कुछ लोकप्रिय खाने में फिरनी, पुलाव, सब्ज़ी पोलो, मछली और मीठे पकवान शामिल होते हैं।
  5. बड़ों का आशीर्वाद और मिलना-जुलना
    इस दिन परिवार के सभी लोग एक-दूसरे से मिलते हैं, बड़ों का आशीर्वाद लेते हैं और उपहारों का आदान-प्रदान करते हैं।

नवरोज़ का संदेश

नवरोज़ सिर्फ एक त्यौहार नहीं बल्कि जीवन में नई शुरुआत, आशा और खुशहाली का प्रतीक है। यह हमें सिखाता है कि जैसे वसंत ऋतु में प्रकृति नई जिंदगी पाती है, वैसे ही हमें भी हर साल अपने जीवन को नई ऊर्जा के साथ आगे बढ़ाना चाहिए।

इस नवरोज़, अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने और नई उम्मीदों के साथ आगे बढ़ने का संकल्प लें!

आप सभी को नवरोज़ मुबारक!

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