23 मिनट पहले
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शाहरुख खान को फिल्म जवान के लिए करियर का पहला नेशनल अवॉर्ड मिला है। हालांकि मलयाली सिनेमा की लीजेंड्री एक्ट्रेस उर्वशी ने इस पर सवाल खड़े किए हैं, जिन्हें खुद बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड मिला है। उनका कहना है कि साउथ एक्टर विजय राघवन डिजर्विंग एक्टर थे, लेकिन उन्हें सपोर्टिंग एक्टर का अवॉर्ड दिया गया, जबकि शाहरुख को बेस्ट एक्टर का। उन्होंने सवाल उठाया कि किस पैरामीटर में शाहरुख को विजय से बेहतर पाया गया है।
एक्ट्रेस उर्वशी ने हाल ही में एशिया नेट को दिए इंटरव्यू में नेशनल अवॉर्ड पर सवाल उठाते हुए कहा है, शाहरुख को बेस्ट एक्टर बनाने के पैरामीटर्स क्या थे। विजय राघवन को सपोर्टिंग एक्टर का अवॉर्ड कैसे मिला। विजय राघवन वेटरन एक्टर हैं। उन्हें स्पेशल ज्यूरी मेंशन ही क्यों नहीं दिया गया।
विजय राघवन को फिल्म पूक्कालम के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर का नेशनल अवॉर्ड मिला है। फिल्म में उन्होंने 100 साल के आदमी का रोल निभाया है।
बातचीत में एक्ट्रेस ने बताया है कि उन्हें विजय राघवन के साथ फिल्म पूक्कालम में रोल ऑफर हुआ था, लेकिन उस रोल में फिजिकल ट्रांसफॉर्मेशन की डिमांड थी, इस वजह से उन्होंने फिल्म में काम करने से इनकार कर दिया था। एक्ट्रेस ने कहा, मैं करोड़ों के लिए भी ऐसा नहीं कर सकी, लेकिन विजय राघवन ने ऐसा किया था। तो उनकी परफॉर्मेंस को सपोर्टिंग रोल कैसे कहा जा सकता है।
एक्ट्रेस उर्वशी ने इस पर भी सवाल उठाए हैं कि इस साल बेस्ट एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड शेयर क्यों नहीं किया गया। जबकि पिछले साल एक बॉलीवुड और एक साउथ एक्ट्रेस को बेस्ट एक्ट्रेस अवॉर्ड मिला था। उन्होंने कहा है कि मिनिस्टर ऑफ स्टेट सुरेश गोपी इस बात की इन्वेस्टिगेशन करवाएं कि मलयाली सिनेमा को तवज्जो क्यों नहीं दी गई।
मलयाली एक्ट्रेस उर्वशी को खुद फिल्म ओल्लूजुक्कू के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस का नेशनल अवॉर्ड मिला है।
बताते चलें कि इस साल शाहरुख खान (जवान) और विक्रांत मेस्सी (फिल्म, 12वीं फेल) ने बेस्ट एक्टर का नेशनल अवॉर्ड शेयर किया है। जबकि रानी मुखर्जी को मिसेस चटर्जी वर्सेस नॉर्वे के लिए बेस्ट एक्ट्रेस का अवॉर्ड मिला है।
द केरला स्टोरी के अवॉर्ड जीतने पर भी हुआ है विवाद
फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को बेस्ट डायरेक्टर और बेस्ट सिनेमैटोग्राफी का नेशनल अवॉर्ड मिला है, जिसके बाद केरल सरकार ने इस पर आपत्ति जताई है। केरल मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने इस फैसले की निंदा करते हुए लिखा, एक ऐसी फिल्म को सम्मान देना, जो केरल की छवि को खराब करने और साम्प्रदायिक नफरत फैलाने के इरादे से गलत बातें दिखाती है, बहुत चिंता की बात है। राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कारों की जूरी ने एक ऐसी कहानी को मान्यता दे दी है, जो संघ परिवार की बांटने वाली विचारधारा पर आधारित है।
उन्होंने आगे लिखा, केरल एक ऐसा राज्य है जो हमेशा मेल-जोल, शांति और भाईचारे के लिए जाना जाता है। इस फैसले से केरल और वहां के लोगों का अपमान हुआ है। यह सिर्फ मलयालियों की नहीं, बल्कि हर उस इंसान की चिंता है जो लोकतंत्र और संविधान के मूल्यों में विश्वास करता है। हमें मिलकर इसके खिलाफ आवाज उठानी चाहिए।
इसके अलावा केरल के शिक्षा मंत्री वी. शिवनकुट्टी ने भी इस मामले में अपना रिएक्शन दिया है। उन्होंने केरल से राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीतने वाले विजेताओं उर्वशी, विजयराघवन और क्रिस्टो टॉमी को बधाई दी, लेकिन ‘द केरल स्टोरी’ को पुरस्कार दिए जाने के फैसले की आलोचना की।
उन्होंने कहा, नफरत और बेबुनियाद आरोप फैलाने वाली फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ को सम्मानित करना, बाकी सभी पुरस्कारों की गरिमा को कम करता है।
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