मप्र राज्य सूचना आयोग में एक नया विवाद सामने आया है। हाल ही में एक सूचना आयुक्त द्वारा वेतन और अन्य सुविधाओं के साथ अपने आवास के बिजली बिल भुगतान को लेकर मांग हुई थी। आयोग ने इस पर सामान्य प्रशासन विभाग से अभिमत मांगा था।
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विभाग ने कहा है कि बिजली बिल भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है। रिटायर्ड जज और राज्य सूचना आयुक्त ओमकार नाथ द्वारा सूचना आयोग को इस संबंध में एक पत्र लिखा गया था। इस पर कार्रवाई करते हुए आयोग ने सामान्य प्रशासन विभाग को पत्र लिखकर दिशा निर्देश मांगे थे।
गुरुवार को एक पत्र वायरल हुआ जिसमे सामान्य प्रशासन विभाग (जीएएडी) ने स्पष्ट किया कि सूचना आयुक्तों के बारे में केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय द्वारा अक्टूबर 2019 को जारी नोटिफिकेशन में आयुक्त के रूप में पदस्थ किसी रिटायर्ड जज को विद्युत प्रभार की राशि के भुगतान का कोई उल्लेख नहीं है। पत्र 3 अप्रैल को जीएएडी की डिप्टी सेक्रेटरी सुमन रैकवार द्वारा मप्र सूचना आयोग को लिखा गया है।
इसमें लिखा है कि केंद्र के नोटिफिकेशन के अलावा विधि और विधि कार्य विभाग के 15 मार्च 2024 के नोटिफिकेशन में भी सेवानिवृत्त न्यायधीश को बिजली बिल भुगतान का उल्लेख नहीं है।
रिटायर्ड जज के आधार पर मांगी सुविधा आयोग के सचिव राजेश कुमार ओगरे ने स्वीकार किया कि संबंधित सूचना आयुक्त के द्वारा रिटायर्ड जज होने के आधार पर बिजली बिल के भुगतान की मांग आयोग से हुई थी। इस मामले पर सूचना आयुक्त ओमकार नाथ से संपर्क का प्रयास किया गया पर उनसे कोई जवाब नहीं मिला।
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