बुरहानपुर में आदिवासी समाज ने वनाधिकार दावों के मुद्दे पर सरकार से गुहार लगाई है। नेपानगर में मंगलवार को बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के लोगों ने तहसीलदार को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दिया।
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बता दें कि, वनाधिकार कानून की वैधता पर 2008 से न्यायिक लड़ाई जारी है। रिटायर्ड वन अधिकारियों और वन्यजीव संरक्षण कार्यकर्ताओं ने विभिन्न उच्च न्यायालयों में याचिकाएं दायर की थीं। 2019 में सुप्रीम कोर्ट ने खारिज दावों वाले वनवासियों को बेदखल करने का आदेश दिया था। हालांकि, कुछ दिनों बाद ही कोर्ट ने इस आदेश पर रोक लगा दी।
सर्वोच्च न्यायालय ने सभी राज्य सरकारों को निर्देश दिया था कि खारिज दावों का विधिवत परीक्षण किया जाए। यह काम ग्राम सभाओं को करना था। लेकिन राज्य सरकारों ने यह जिम्मेदारी निजी संस्थाओं को सौंप दी।
आदिवासी समाज की मांग है कि मध्य प्रदेश सरकार 2 अप्रैल को होने वाली सुनवाई में उनके हितों की रक्षा के लिए मजबूती से पैरवी करे। ज्ञापन देने वालों में नाहर सिंह, टकल सिंह, दुर सिंह और गजरा सहित कई लोग शामिल थे।
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