रायसेन जिला अस्पताल में मंगलवार को एक बड़ी उपलब्धि हासिल हुई। यहां पहली बार लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की सुविधा शुरू हुई। पहला ऑपरेशन 63 वर्षीय लीला बाई का किया गया, जिन्हें अनियमित मासिक धर्म की समस्या थी।
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यह सुविधा अब तक केवल मेडिकल कॉलेजों में ही उपलब्ध थी। एक करोड़ रुपए से अधिक की लागत वाली यह मशीन पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी और वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री नरेंद्र शिवाजी पटेल के प्रयासों से प्राप्त हुई है।
मरीज का रक्तस्राव कम होगा इस मशीन की खास बात यह है कि इससे मरीज का कम रक्तस्राव होता है और रिकवरी भी जल्दी होती है। बांझपन से पीड़ित महिलाओं के लिए यह विशेष रूप से लाभदायक है। इससे बच्चेदानी की स्थिति, फैलोपियन ट्यूब और अंडाशय की जांच जिला अस्पताल में ही संभव हो सकेगी।
सर्जरी पर 75,000 से 1 लाख रुपए तक खर्च सिविल सर्जन डॉ. अनिल ओढ़ के अनुसार, निजी अस्पतालों में इस तरह की सर्जरी पर 75,000 से 1 लाख रुपए तक खर्च आता है। अब मरीजों को आयुष्मान कार्ड के जरिए यह सेवा मुफ्त में मिलेगी।
सफल ऑपरेशन के लिए स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक गुप्ता, डॉ. रजनी चढार और नर्सिंग ऑफिसर संगीता बरखने को एनएचएम मध्य प्रदेश द्वारा विशेष प्रशिक्षण दिया गया था। सर्जरी टीम में डॉ. सुनीता अतुलकर, डॉ. शबाना मसूद और अन्य ओटी स्टाफ भी शामिल थे।
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