Electric vs Hybrid Car which is better to buy check details and comparison

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आज के समय में जब पेट्रोल-डीजल की कीमतें आसमान छू रही हैं और प्रदूषण नियंत्रण के नियम सख्त होते जा रहे हैं, ऐसे में नई कार खरीदने वालों के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा होता है कि इलेक्ट्रिक या हाइब्रिड कार खरीदें? दोनों के फायदे और सीमाएं हैं. सही निर्णय लेने के लिए आपको जानना चाहिए कि ये दोनों टेक्नोलॉजी में क्या फर्क है, कौन ज्यादा माइलेज देता है, और किसका रखरखाव सस्ता है.

      पावरट्रेन और टेक्नोलॉजी में कौन है आगे?

  • इलेक्ट्रिक कारें (EV) सिर्फ बैटरी और इलेक्ट्रिक मोटर से चलती हैं, इसलिए इनमें पेट्रोल या डीजल की जरूरत नहीं होती.
  • ये गाड़ियां चलने के दौरान धुआं नहीं छोड़तीं, यानी टेलपाइप से कोई प्रदूषण नहीं होता. इसी वजह से इन्हें पर्यावरण के लिए ज्यादा साफ और सुरक्षित माना जाता है.
  • इसके विपरीत, हाइब्रिड कारों में दो सिस्टम होते हैं- एक पेट्रोल या डीजल इंजन और दूसरा इलेक्ट्रिक मोटर.
  • इन कारों के तीन मुख्य प्रकार होते हैं- पहला-माइल्ड हाइब्रिड, जिसमें इलेक्ट्रिक मोटर केवल इंजन की मदद करती है.
  • दूसरा-स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड, जो कुछ दूरी तक पूरी तरह बैटरी से चल सकती है.
  • प्लग-इन हाइब्रिड (PHEV), जिसकी बैटरी को बाहरी चार्जर से भी चार्ज किया जा सकता है.
  • इसलिए, जहां इलेक्ट्रिक कारें पेट्रोल का इस्तेमाल नहीं करतीं, वहीं हाइब्रिड कारें फ्यूल की बचत जरूर करती हैं, लेकिन पूरी तरह उससे मुक्त नहीं हैं.

माइलेज और रनिंग कॉस्ट में कौन है बेहतर?

  • माइलेज और रनिंग कॉस्ट के मामले में हाइब्रिड कारें इंजन और मोटर दोनों के तालमेल से अच्छा माइलेज देती हैं.
  • उदाहरण के लिए, Toyota Innova Hycross और Maruti Grand Vitara Hybrid लगभग 28 KMPL तक का माइलेज देती हैं.
  • दूसरी तरफ, इलेक्ट्रिक कारें बिजली से चलती हैं, और भारत में एक यूनिट बिजली की कीमत 6 से 8 रुपये तक होती है.
  • इससे इनकी रनिंग कॉस्ट 1 प्रति किलोमीटर से भी कम पड़ती है. हालांकि, EVs की सबसे बड़ी सीमा उनकी रेंज होती है.
  • लंबी यात्रा पर निकलते समय चार्जिंग की चिंता बनी रहती है, जबकि हाइब्रिड कारें कहीं भी पेट्रोल पंप से फ्यूल लेकर तुरंत चल सकती हैं.
  • पर्यावरण के नजरिए से EVs पूरी तरह से “जीरो टेलपाइप एमिशन” देने वाली कारें हैं, यानी इनके चलते समय किसी प्रकार का धुआं या गैस बाहर नहीं निकलता.

    चार्जिंग और फ्यूलिंग में किसमें है सुविधा?

  • चार्जिंग और फ्यूलिंग की सुविधाओं की बात करें तो EVs को चार्ज करने के लिए घर पर चार्जर या पब्लिक चार्जिंग स्टेशन की आवश्यकता होती है.
  • शहरों में यह सुविधा अब बढ़ रही है, लेकिन छोटे शहरों और कस्बों में चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर अभी भी कमजोर है.
  • इसके मुकाबले, हाइब्रिड कारों को चार्ज करने की जरूरत नहीं होती.
  • इन्हें आप किसी भी पेट्रोल पंप से आसानी से रिफ्यूल कर सकते हैं.
  • प्लग-इन हाइब्रिड (PHEV) कारें बैटरी से भी चलती हैं और जरूरत पड़ने पर पेट्रोल पर भी, जिससे ये अधिक फ्लेक्सिबल साबित होती हैं.

   कीमत और मेंटेनेंस 

  • कीमत और मेंटेनेंस के लिहाज से इलेक्ट्रिक कारों की शुरुआती कीमत 9 लाख से शुरू होकर 20 लाख रुपये तक जा सकती है, जबकि हाइब्रिड कारों की कीमत 15 से 22 लाख के बीच रहती है.
  • EVs में इंजन और गियरबॉक्स नहीं होते, जिससे इनका मेंटेनेंस अन्य कारों की तुलना में कम होता है. हालांकि, EV की बैटरी अगर खराब हो जाए तो उसे बदलवाना काफी महंगा पड़ सकता है.
  • हाइब्रिड कारों में दो सिस्टम – इंजन और मोटर होते हैं, जिससे इनका मेंटेनेंस थोड़ा ज्यादा हो सकता है और इन्हें सर्विस की भी ज्यादा जरूरत पड़ सकती है.

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