बारात में आगे हार्टबीट बढ़ाने वाला डीजे का शोर, उस पर थिरकते बाराती, पीछे वाहनों की लंबी कतार और उसमें फंसे वाहन। शादी-ब्याह के सीजन में इन दिनों शहर की सड़कों पर यह दृश्य आम हो गया है। बारात के कारण घंटों सड़क जाम हो रही है। कई बार एंबुलेंस और अन्य
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बाराती, घराती, पुलिस और प्रशासन—किसी को भी इनकी चिंता नहीं रहती। बारात के शोरगुल में सारे नियम-कायदे धरे रह जाते हैं। सभी परेशान होते हैं, लेकिन कोई थाने तक नहीं जाता। यही वजह है कि पिछले पाँच साल में एक भी केस दर्ज नहीं हुआ, जबकि प्रावधान पहले भी थे और नए बीएनएस कानून में भी हैं।
बीएनएस की धारा 126(2) व 223 में प्रावधान
कानून के जानकारों के अनुसार, किसी व्यक्ति की इच्छा के विरुद्ध उसका रास्ता अवरुद्ध करना या उसकी गति को बाधित करना अपराध की श्रेणी में आता है। बीएनएस की धारा 126(2) में इसका स्पष्ट प्रावधान है। इसमें सजा और जुर्माना दोनों हो सकते हैं। बीएनएस की धारा 223 लोक सेवक द्वारा जारी आदेशों की अवहेलना करने वालों पर लागू की जा सकती है।
मैरिज गार्डन वाले रूटों पर ज्यादा समस्या
ट्रैफिक जाम की समस्या शहर के उन रूटों पर अधिक है, जहाँ मैरिज गार्डन स्थित हैं। शहर के मोतीनगर थाने से चंद कदमों की दूरी पर दो बड़े मैरिज गार्डन इसी तरह संचालित हो रहे हैं। तिलकगंज, जिला अस्पताल रोड, पंतनगर, धर्मश्री अंबेडकर वार्ड, सिविल लाइन, भोपाल रोड, खुरई रोड के अलावा उपनगर मकरोनिया में भी यही हालात हैं। इससे निपटने के लिए नगर निगम और पुलिस प्रशासन के पास कोई ठोस योजना नहीं है। पूर्व में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में जिला अस्पताल व बीएमसी रोड पर बारातों पर प्रतिबंध का मुद्दा उठा था, लेकिन वह ठंडे बस्ते में चला गया।
जिम्मेदार बोले—समस्या का हल निकालेंगे, लोग भी आगे आएं
नगर निगम के अधिकारियों के साथ मैरिज गार्डन संचालकों की बैठक बुलाएंगे। इस समस्या का हल कराएंगे। तय मानक से ज्यादा ध्वनि और रात 10 बजे के बाद डीजे बजाने पर प्रतिबंध है। इसमें कोलाहल अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी। कार्रवाई कराने के लिए लाेग भी आगे आएं। ट्रैफिक जाम के मामले में भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी। – ललित कुमार कश्यप, सीएसपी सागर
ट्रैफिक जाम सागर की पुरानी समस्या है। लाेग इससे जूझ रहे हैं, लेकिन काेई शिकायत नहीं करता। पूर्व में सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में तय हुआ था कि जिला अस्पताल रोड पर बारात, मैरिज गार्डन पर प्रतिबंध रहेगा। इस पर अमल नहीं हाे पाया। शहर में मैरिज गार्डन मनमर्जी से संचालित हाे रहे हैं। इन पर रोक लगाएंगे। ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार कराएंगे। – मयंक सिंह चौहान, डीएसपी ट्रैफिक
एक्सपर्ट व्यू – राजेंद्र दुबे, वरिष्ठ अधिवक्ता व मैरिज गार्डन संचालक
मैरिज गार्डन के पास जनवासा हाे ताे नहीं लगेगा जाम
जिला अस्पताल के पीछे रुद्राक्ष गार्डन व जेल के पीछे स्तुति गार्डन में जनवासे की व्यवस्था है। जिससे पास में बारात लगती है। मेनरोड जाम नहीं हाेता। आतिशबाजी से काेई खतरा नहीं रहता। मेरे दोनों मैरिज गार्डन में जनवासे की व्यवस्था कराई गई है। इसके पीछे उद्देश्य यही है कि बारात किसी मुख्य रोड से न निकाली जाए। दूसरे मैरिज गार्डन संचालकों काे ऐसी व्यवस्था करानी चाहिए ताकि शहर की सड़काें पर जाम न लगे। पुलिस और प्रशासन काे ट्रैफिक जाम की समस्या काे खत्म करने के लिए कानूनी प्रावधानों का इस्तेमाल करना हाेगा।
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