Bumper arrival of mango in Indore market | इंदौर मंडी में कैरी की बंपर आवक: रोजाना 200 टन से ज्यादा आ रही, पिछले साल से 30 रुपए तक रेट कम – Indore News Darbaritadka

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इंदौर की देवी अहिल्याबाई फल एवं सब्जी मंडी में लोकल कैरी की बंपर आवक शुरू हो गई है। गर्मी का मौसम शुरू होते ही अचार, लोंजी और चटनी बनाने के लिए कैरी की मांग बढ़ गई है।

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व्यापारी फरहान राइन के अनुसार, इस साल अप्रैल में पिछले साल की तुलना में अधिक गर्मी पड़ रही है। सेंधवा, खरगोन, भीकनगांव, किरमला, खेतिया, सिलावद, पानसेमल और बड़वाह सहित निमाड़ क्षेत्र से प्रतिदिन 200 टन से अधिक कैरी आ रही है। गुजरात के दाहोद और नडियाद से 10-15 टन कैरी की आवक हो रही है।

मंडी में कैरी 20-25 रुपए प्रति किलो बिक रही है। पिछले साल कैरी 50-55 रुपए किलो थी। इस साल फसल अच्छी होने से दाम कम हैं। कैरी की फसल एक साल अच्छी और एक साल कम होती है।

लोकल केरी की मार्च- अप्रैल तक आवक तेज रहती है।

प्रदेश की लोकल कैरी मार्च-अप्रैल तक ही आती है। मई-जून में गुजरात से कैरी आएगी। इंदौर से दिल्ली, लखनऊ, कानपुर, उरई, झांसी, कालपी, जयपुर, उदयपुर, कोटा, जोधपुर, अजमेर और ग्वालियर तक कैरी की मांग है। स्वाद और टिकाऊपन के कारण यह कैरी पसंद की जाती है। इससे बना अचार साल भर खराब नहीं होता।

मंडी में कैरी 20-25 रुपए प्रति किलो बिक रही है।

अप्रैल से बढ़ जाती है आवक

सेंधवा के रमेश मंगा, खरगोन के सेवकराम, कसरावद बाबू खा के मुताबिक हर साल अप्रैल के मध्य से आवक बढ़ जाती है। इससे अचार निर्माताओं को सस्ते दामों पर भरपूर माल मिलना शुरू हो जाता है। लोकल कैरी का अचार बहुत स्वादिष्ट होता है। इसका अचार एक साल तक खराब नहीं होता है। निमाड़ क्षेत्र एक समय पानी की कमी के कारण बहुत पिछड़ा हुआ था, लेकिन आज नर्मदा नदी का पानी पूरे निमाड़ क्षेत्र में उपलब्ध होने से खूब खेती हो रही है। इंदौर के बड़े व्यापारी निमाड़ क्षेत्र में जमीनें खरीद कर खेती कर रहे हैं।

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