BJP leader Akshay Bam gets relief from High Court | हाईकोर्ट से भाजपा नेता अक्षय बम को राहत: अक्षय और पिता पर हत्या के प्रयास के मुकदमे पर दो मई तक रोक – Indore News Darbaritadka

Spread the love

भाजपा नेता अक्षय कांतिलाल बाम और उनके कांतिलाल पर मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने हत्या के प्रयास के मामले में भाजपा नेता अक्षय बम और उनके पिता कांतिलाल पर मुकदमे की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। जस्टिस संजीव एस कालगांवकर की एकल पीठ ने बुधवार को इस केस की सुनवाई करते हुए कहा-

.

मामले के विशिष्ट तथ्यों और परिस्थितियों में यह निर्देश दिया जाता है कि मुकदमे की आगे की कार्यवाही केवल सुनवाई की अगली तारीख तक ही रोक रहेगी।

कोर्ट ने केस डायरी और संबंधित दस्तावेजों को जमा करने के निर्देश भी दिए हैं। दरअसल, अक्षय और उनके पिता ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती देते हुए पुनरीक्षण याचिका दायर की है जिसमें उन्हें आरोप मुक्त करने से इनकार कर दिया गया था।

नौकरों को धमकाया और फसल में आग लगा दी

4 अक्टूबर 2007 को सुबह 10:30 बजे से शाम 4:15 बजे के बीच आरोपियों ने फरियादी यूनुस पटेल के गांव में जाकर उसकी जमीन पर काम कर रहे नौकरों को धमकाया और उनके साथ मारपीट करते हुए वहां कटी हुई रखी सोयाबीन में आग लगा दी थी।

फरियादी जब अपने नौकर का मेडिकल परीक्षण करवाकर वापस खेत पर लौटा तो आरोपी कांतिलाल बम, उनके बेटे अक्षय, सतवीर, सुरक्षा गार्ड मनोज, सोनू एवं अन्य 7-8 लोग बंदूक लेकर आए।

कांतिलाल ने कहा था कि यही यूनुस गुड्डू है। इसे गोली मारकर जान से खत्म कर दो। सतवीर ने गोली चलाई, लेकिन तभी रिंकू ने यूनुस का हाथ पकड़ कर उसे पीछे से खींच लिया था और गोली यूनुस के पास से निकल गई थी।

बता दें कि इंदौर के पूर्व आईजी व उनके पुत्र की सिक्योरिटी एजेंसी को कांतिलाल बम व अक्षय बम ने यूनुस पटेल की जमीन खाली कराने का ठेका दिया था। सतवीर की रिपोर्ट पर यूनुस के खिलाफ पुलिस ने झूठा लूट का प्रकरण दर्ज करा दिया था। झूठे साक्ष्य रचने के कारण यूनुस लूट के प्रकरण से दोषमुक्त हो चुके हैं।

फरियादी के धारा 161 में हुए थे बयान

फरियादी युनुस के 19 अक्टूबर 2007 को धारा 161 के तहत बयान हुए थे। इसमें यूनुस ने कहा था कि, सतवीर सिंह ने मुझ पर गोली चलाई और तभी मेरे साथी रिंकू वर्मा ने हाथ पकड़ कर खींच लिया। जिससे गोली मेरे पास से निकल गई। साक्षी कैलाश, उस्मान ने भी अपने बयान में युनुस पटेल पर गोली चलाने की बात कही थी।

पुलिस ने भी घटनास्थल से 1 बारह बोर की बंदूक एवं 1 चला हुआ कारतूस जब्त किया था।​​​​​ इस मामले में अभियुक्त कांतिलाल एवं अक्षय जमानत पर हैं। प्रकरण में जब्तशुदा एक बाहर बोर की बंदूक पूर्व से सुपुर्दगी पर है।

इसके साथ ही अक्षय और उनके पिता कांति बम के खिलाफ वारंट भी जारी हुआ लेकिन वह कोर्ट में पेश नहीं हुए। जिस पर कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया। जिसके खिलाफ दोनों पिता-पुत्र ने हाईकोर्ट का रुख किया।

अक्षय बम और उनके पिता पर तय किए आरोप

बता दें इस पूरे मामले में एक आरोपी सोनू घटना के बाद से फरार है, जबकि एक अन्य आरोपी सतवीर की मौत हो चुकी है। इंदौर के जिला कोर्ट के 22वें अपर सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार शर्मा ने अक्षय बम और उनके पिता कांति बम पर आरोप तय किए हैं।

बता दें अक्षय कांति बम को कांग्रेस ने इंदौर लोकसभा सीट से अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने अपना नाम वापस लेकर बीजेपी ज्वाइन कर ली थी। जिसके बाद से ही वह सुर्खियों में बने हुए थे।

हाईकोर्ट के समक्ष अपील में ये दलील दी बम पिता-पुत्र ने

4 अप्रैल को सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं के वकील ने कहा कि मुकदमा 2014 से लंबित है। 17 साल तक जेएमएफसी के समक्ष मुकदमे के लंबित रहने के बावजूद, अपराध के संज्ञान के लिए कोई आवेदन कभी दायर नहीं किया गया था।

आवेदन तभी दायर किया गया जब अक्षय ने चुनाव के लिए अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की। इसके बाद मामले को सत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया और आरोप तय किए गए। मामले में साक्ष्य दर्ज करने के लिए 30 अप्रैल की तारीख तय की गई है। याचिकाकर्ताओं बम पिता-पुत्र ने प्रक्रिया के साथ-साथ आरोप तय करने पर आपत्ति जताई।

इसके विपरीत, राज्य के वकील ने प्रस्तुत किया कि जेएमएफसी ने रिकॉर्ड पर सामग्री के आधार पर सत्र न्यायालय को मामला सौंप दिया और सत्र न्यायाधीश ने आरोप तय किए क्योंकि याचिकाकर्ताओं के खिलाफ कथित अपराध किया गया था।

हालांकि, अदालत ने निर्देश दिया कि आगे की कार्यवाही सुनवाई की अगली तारीख यानी 2 मई तक रोक दी जाए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *