यह हड़ताल मुख्य रूप से निम्नलिखित मांगों को लेकर की जा रही है, जो बैंक कर्मचारियों के हितों से संबंधित हैं:

- पाँच दिवसीय कार्य सप्ताह लागू करना: बैंक कर्मचारी सप्ताह में पाँच कार्य दिवसों की मांग कर रहे हैं।
- सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों में रिक्त पदों पर भर्ती: सभी संवर्गों में रिक्त पदों को भरने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है।
- बैंक बोर्ड में कर्मचारी और अधिकारी निदेशकों की नियुक्ति: वर्कमेन और ऑफिसर डायरेक्टर के पदों को भरने की मांग की गई है।
- ग्रेच्युटी की सीमा बढ़ाना: ग्रेच्युटी अधिनियम में संशोधन करके इसकी सीमा को 25 लाख रुपये तक बढ़ाने की मांग की गई है।
- परफॉर्मेंस लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) के फैसले को वापस लेना: वित्त मंत्रालय के हालिया निर्देश को वापस लेने की मांग की गई है, जिससे कर्मचारियों की नौकरी की सुरक्षा पर असर पड़ सकता है।
भारतीय बैंक संघ (आईबीए) के साथ कई दौर की बातचीत के बावजूद इन मांगों पर सहमति नहीं बन पाई है, जिसके परिणामस्वरूप यह हड़ताल आयोजित की जा रही है।
बैंकिंग सेवाओं पर संभावित प्रभाव:
इस हड़ताल के दौरान देशभर में बैंकिंग सेवाओं पर व्यापक असर पड़ने की संभावना है। ग्राहकों को नकद निकासी, जमा, चेक क्लियरेंस और ऋण प्रक्रियाओं में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। डिजिटल बैंकिंग सेवाएं जैसे इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग और एटीएम सेवाएं संभवतः चालू रहेंगी, लेकिन उनमें भी रुकावटें आ सकती हैं।
ग्राहकों के लिए सुझाव:
- आवश्यक बैंकिंग कार्य पहले निपटाएं: हड़ताल से पहले अपने महत्वपूर्ण बैंकिंग कार्य जैसे नकद निकासी, चेक जमा और अन्य लेनदेन पूरा करें।
- डिजिटल बैंकिंग का उपयोग करें: जहां संभव हो, ऑनलाइन बैंकिंग सेवाओं का उपयोग करें।
- पर्याप्त नकद राशि रखें: आपात स्थितियों के लिए पर्याप्त नकद राशि अपने पास रखें।
ग्राहकों को सलाह दी जाती है कि वे हड़ताल के दौरान संभावित असुविधा से बचने के लिए अपने बैंकिंग कार्य समय से पहले निपटाएं।
इसके अलावा, हड़ताल की ताजा जानकारी के लिए अपने संबंधित बैंकों के आधिकारिक संचार माध्यमों पर नजर रखें।
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