नगर निगम में पैसा लेकर जमा नहीं करने का नया मामला उजागर हुआ है। यह सिलसिला 3 वर्ष से चल रहा है। निगम के अधिकारी लिफ्ट की एनओसी देने संचालकों से राशि लेकर निगम के खाते में जमा नहीं कर रहे हैं। ये खुलासा तब हुआ जब लिफ्ट की व्यवस्था दूसरे अधिकारियों के
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तब पता चला कि साल 2024-25 की राशि जमा नहीं है। इसके बाद वित्त की अपर आयुक्त ने अपर आयुक्त मुनीष सिकरवार को पत्र भेजा। इसके बाद उन्होंने लिफ्ट एनओसी की व्यवस्था संभाल चुके तत्कालीन उपायुक्त डा.अतिबल सिंह यादव को पत्र भेजकर डिटेल में जानकारी मांगी है। पूर्व में लिफ्ट की व्यवस्था डॉ. अतिबल सिंह देख रहे थे। उनको संविदा पर नियुक्ति दी गई थी।
ऐसी स्थिति में नोडल अधिकारी शैलेंद्र सक्सेना को बनाया है। उन्होंने फरवरी से अभी तक 318 लिफ्ट और दो एस्केलेटर को एनओसी देकर 500 रुपए प्रति लिफ्ट के हिसाब से राशि जमा कराई। इसके पहले तक अफसर ने इस राशि की कोई सुध नहीं ली थी।
एनओसी की फीस 500 रुपए प्रति लिफ्ट {राजपत्र के अनुसार प्रत्येक लिफ्ट, एस्केलेटर, मूविंग वॉक के लिए 500 रुपए प्रति यूनिट की दर से शुल्क देना होगा। {छह महीने की पूर्वोक्त अवधि, आवेदन प्रस्तुत करने पर समुचित कारण सहित पारित आदेख को छह महीने तक के लिए और बढ़ाया जा सकता है। {समुचित अधिकारी द्वारा प्रत्येक इकाई का विशिष्ट पंजीकरण क्रमांक दिया जाएगा।
जेडओ को पत्र: क्षेत्र में कितनी लिफ्ट की जानकारी भेजी लिफ्ट की व्यवस्था संभालने वाले नोडल अधिकारी ने 25 जोनल अधिकारियों को पत्र भेजा है। उनसे जानकारी मांगी है कि उनके क्षेत्र में कहां पर और कुल कितनी लिफ्ट लगी हुई है। अभी तक किसी भी जोनल कार्यालय से उक्त संबंध में जानकारी नहीं आई है। इस वजह से लिफ्ट का सही आकंलन नहीं हो पा रहा है।
मैंने अपर आयुक्त को जानकारी भेज दी है ^निगम ने जो जानकारी मांगी थी। मैंने दे दी है। लिफ्ट की एनओसी के लिए एक बार रजिस्ट्रेशन फीस 500 रुपए है। लेकिन कुछ लोग बार-बार फीस लेना चाहते है। –डॉ.अतिबल सिंह, तत्कालीन उपायुक्त
पूरी राशि जमा नहीं, इसलिए पत्र लिखा, मांगी जानकारी ^निगम के वित्त विभाग में पूरी राशि जमा नहीं हुई है। इसलिए लिफ्ट एनओसी की जिम्मेदारी संभाल रहे पहले के अधिकारियों से जानकारी के देने के लिए पत्र लिखा है। -मुनीष सिंह, अपर आयुक्त, ननि
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