The fire brigade could not reach inside Valmi, so the forest kept burning for 12 hours, if there were unpaved roads the fire would not have spread so much | जल गया जंगल: वाल्मी के अंदर नहीं पहुंच पाई फायर ब्रिगेड, इसलिए 12 घंटे सुलगता रहा जंगल, कच्चे रास्ते होते तो आग इतनी न फैलती – Bhopal News Darbaritadka

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करीब 98 एकड़ में हजारों पेड़ आग से झुलसे, भविष्य में ऐसी घटना न हो, इसलिए अंदर बनेंगे रास्ते

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कलियासोत डैम स्थित वाटर एंड लैंड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट (वाल्मी) परिसर में लगी आग 12 घंटे में अधिक समय तक सुलगती रही। इस दौरान करीब 40 हेक्टेयर (98 एकड़) जंगल में लगे हजारों पेड़ जले और झुलस गए। जंगल में आग कैसे लगी, यह अभी भी पता नहीं चला है। निगम अमले का कहना है कि अगर पानी के टैंकरों को जंगल के अंदर पहुंचने का रास्ता मिल गया होता तो आग इतनी नहीं फैलती।

गुरुवार शाम आग की सूचना पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां तो पहुंच गईं, लेकिन अमले को अंदर जाने के लिए जेसीबी से पेड़ तोड़ने और उखाड़ने पड़े। इसके बाद भी टैंकरों को जंगल के अंदर तक जाने के लिए पर्याप्त रास्ता नहीं मिल पा रहा था।

निगम के फायरकर्मियों ने 50 फीट से ज्यादा दूरी तक एक के साथ एक पाइप जोड़कर पानी पहुंचाया। इसमें बहुत समय लग गया। वाल्मी परिसर 232 एकड़ में फैला है। इसके अधिकांश हिस्से में जंगल है। यहां जंगल विकसित तो किया गया, लेकिन ऐसी स्थिति से निपटने के लिए कच्चे रास्ते नहीं बनाए गए।

232 एकड़ में जंगल… अंदर आग या आपात स्थिति बने तो पहुंचने के लिए रास्ता बनाना भूले जिम्मेदार

कच्चे रास्ते बनाने पर विचार

कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह रात में वाल्मी पहुंचे। उन्होंने पूछा कि अंदर कोई रास्ता नहीं बनाया गया है क्या? इसके बाद ही इस विषय पर चर्चा शुरू हुई। वाल्मी भी अंदर कच्चे रास्ते बनाने पर विचार कर रहा है।

जले और उखड़े मिले पेड़

शुक्रवार दोपहर तक आग पर काबू पा लिया गया, लेकिन परिसर के अंदर आग से झुलसे जंगल के अलावा रास्ता बनाने के लिए जेसीबी से उखाड़े गए और तोड़े गए पेड़ भी जहां-तहां बिखरे नजर आए।

निगम की व्यवस्थाएं फेल गुरुवार रात आग बुझाने पहुंचे फायरकर्मियों के पास वॉकी-टॉकी नहीं ​था। उन्हें अंदर चिल्ला-चिल्लाकर पानी का प्रेशर कम-ज्यादा कराना पड़ा। पाइप भी छोटे पड़ गए। इन्हें जोड़कर काम चलाया गया।

जंगल वाले हिस्से में वाहन पहुंच सकें ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए। ​भविष्य के लिए ऐसे बंदोबस्त किए जाएंगे। इस संबंध में अधिकारियों के साथ चर्चा भी की जाएगी। -सरिता बाला, डायरेक्टर, वाल्मी

शहर में ऐसे इलाकों की सफाई : वाल्मी की आग से सब​क लेते हुए प्रशासन ने शुक्रवार को वल्लभ भवन रोटरी से कोर्ट चौराहा तक के जंगल से झाड़ियां और पत्तियों की सफाई कराई। झरनेश्वर मंदिर से सतपुड़ा भवन तक के जंगल और अन्य इलाकों से भी झाड़ियां हटाई गईं।

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