The village became mud free, because the villagers clean it themselves | कीचड़ मुक्त हुआ गांव, क्योंकि ग्रामीण खुद करते हैं सफाई: सरपंच रामलेखा मीणा खुद भी झाड़ू लगाकर देती हैं स्वच्छता का संदेश – Sheopur News Darbaritadka

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कभी कीचड़ और जलभराव के लिए बदनाम रहा दलराना खुर्द गांव अब साफ-सुथरी सीसी सड़कों के लिए मिसाल बन रहा है। यहां की हर गली पक्की हो चुकी है, और खास बात ये कि इन सड़कों की ग्रामीण खुद ही साफ-सफाई भी रखते हैं।

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इस बदलाव के पीछे हैं ग्राम पंचायत रायपुरा की सरपंच रामलेखा रामअवतार मीणा। जिन्होंने सिर्फ नेतृत्व नहीं किया, बल्कि खुद झाड़ू उठाकर लोगों को सफाई का संदेश भी दिया। वे खुद झाड़ू लगाकर लोगों को जागरूक करती हैं कि साफ-सफाई केवल सरकारी काम नहीं, सामूहिक जिम्मेदारी है।

40 वर्षीय रामलेखा भले ही केवल 5वीं तक पढ़ी हैं, लेकिन उनकी सोच और कार्यशैली ने दलराना खुर्द की तस्वीर बदल दी है। उन्होंने 2022 में सरपंच पद का कार्यभार संभाला और तभी से गांव के विकास की ठोस योजना पर अमल शुरू किया। अब गांव की सभी गलियां सीसी सड़कों से जुड़ चुकी हैं, जिससे बारिश के दिनों में दलराना खुर्द गांव में कीचड़ और फिसलन की समस्या खत्म हो चुकी है।

गांव में पानी की टंकी भी बनवाई गांव में शुद्ध पेयजल के लिए पानी की टंकी और ठंडे पानी की भी व्यवस्था करवाई गई है। बच्चों के लिए नया आंगनबाड़ी भवन बनवाया गया है, ताकि शिक्षा और पोषण दोनों में सुधार हो। दलराना खुर्द आदिवासी बस्ती में करीब 450 की आबादी और 80 घर हैं। आज यहां के लोग न सिर्फ साफ-सुथरे रास्तों पर चलते हैं, बल्कि गांव के बदलते स्वरूप पर गर्व भी करते हैं।

मेरे लिए सरपंच पद नहीं, सेवा का मौका है

मेरे लिए सरपंच बनना सिर्फ पद नहीं, सेवा का मौका है। जब तक गांव के हर कोने तक विकास नहीं पहुंचता, मेरा काम अधूरा रहेगा। -रामलेखा मीणा, सरपंच, ग्राम पंचायत रायपुरा

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