क्यों खास होता है टकीलाImage Credit source: Pixabay
टकीला आज दुनियाभर के शराब प्रेमियों के बीच बेहद लोकप्रिय है, लेकिन इसके दिलचस्प इतिहास और सांस्कृतिक महत्व के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. तेज़ और विशिष्ट स्वाद वाली यह खास शराब, मैक्सिकन संस्कृति का अहम हिस्सा है, जिसने पूरी दुनिया को अपना दीवाना बना लिया है. दिलचस्प बात यह है कि 1918 में फैले स्पैनिश फ्लू के दौरान डॉक्टर टकीला को एक इलाज के रूप में सुझाते थे. उनका मानना था कि नमक और नींबू के साथ टकीला पीने से फ्लू के लक्षण कम हो सकते हैं. यह इस बात का सबूत है कि टकीला को सिर्फ पार्टी ड्रिंक ही नहीं, बल्कि एक औषधीय पेय के रूप में भी लंबे समय से जाना जाता रहा है.
टकीला एक डिस्टिल्ड ड्रिंक है, जिसे सिर्फ ब्लू एगेव (Blue Agave) पौधे से बनाया जाता है. वैज्ञानिकों की माने तो ये पौधा लिली परिवार का एक सदस्य है और अपने लंबे नुकीले कांटों के लिए जाना जाता है. टकीला की कहानी एज़टेक सभ्यता से शुरू होती है.
कैसे हुई शुरुआत?
250-300 ईसा पूर्व में एज्टेक सभ्यता के समय एगेव के गूदे से थोड़ा खट्टा पेय और उसे फर्मेंटेड किया. परिणामस्वरूप जो अल्कोहल बना वो एक पवित्र पेय था, जिसका सेवन धार्मिक समारोहों और पवित्र संस्कारों में किया जाता था.
शराबियों की पसंद ये इस ड्रिंक को मेक्सिको की शान कहा जाता है और इसे पीने वाले लोग इसे एकदम नीट ही पी जाते हैं. यह एक स्ट्रांग ड्रिंक है, जिसमें अल्होकल की मात्रा 40 से 50 फीसदी तक होती है. टकीला का उत्पादन मुख्य रूप से मेक्सिको के जालिस्को राज्य में किया जाता है.
टकीला का होमटाउन
टकीला का नाम मैक्सिको के जलिस्को राज्य के टकीला नामक शहर से पड़ा, जहां 16वीं सदी में इसका निर्माण शुरू हुआ. जालिस्को को टकीला का होमटाउन भी कहा जाता है. अब यूं तो दुनियाभर में एगेव की करीब 166 प्रजातियां है, जिनमें से 125 मेक्सिको में पाई जाती हैं.
अब इसमें से हरे पत्तों का उपयोग ही केवल टकीला बनाने के लिए किया जाता है. ये एक तरह का खास पौधा होता है. जो शहर के आपपास के इलाके में सिलिकेट समृद्ध लाल ज्वालमुखीय मिट्टी में पैदा होते हैं. एक अनुमान के मुताबिक सिर्फ इस ड्रिंक को बनाने के लिए हर साल 300 मिलियन से ज्यादा पौधों की कटाई होती है.
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