बुधवार को भगवान की मूर्तियां गर्भगृह से बाहर लाई गईं।
पुरी (ओडिशा) के विश्व प्रसिद्ध भगवान जगन्नाथ मंदिर के शिखर की प्रतिकृति कृषि विहार कॉलोनी, इंदौर-महू रोड पर भगवान जगन्नाथ मंदिर में बनाई जाएगी। 23 साल पुराने मंदिर में भगवान जगन्नाथ की रथयात्रा के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। 80 फीट ऊंचे शिखर का निर्
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मंदिर के पुजारी रासबिहारी पंडा ने कहा- मंदिर के शिखर का निर्माण हूबहू जगन्नाथजी के शिखर की तर्ज पर किया जाएगा। अभी मंदिर में संपूर्ण पूजा पद्धति जगन्नाथपुरी के मंदिर की तर्ज पर ही होती है। मंदिर ट्रस्ट के ट्रस्टी डॉ. अशोक मोहंती सहित अन्य ट्रस्टियों की मौजूदगी में नए शिखर के निर्माण का निर्णय लिया गया है। ट्रस्ट और भक्तों के सहयोग से शिखर का निर्माण होगा। मंदिर का निर्माण 2003 में किया गया था। भगवान जगन्नाथजी, भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा की मूर्तियां नीम की लकड़ी से बनी हुई हैं, जो जगन्नाथपुरी से बनकर आई थीं।
जगन्नाथजी हुए बीमार, 15 दिन तक रोजाना दिया जाएगा काढ़ा
मंदिर में बुधवार को भगवान की मूर्तियां गर्भगृह से बाहर लाई गईं। मूर्तियों की जगह गर्भगृह में श्रीफल रखा गया। बाहर लाकर मूर्तियों का 108 कलशों से अभिषेक-पूजन किया गया। इसके साथ ही भगवान का गणेशजी के स्वरूप में शृंगार किया गया। दिनभर भक्तों ने भी भगवान का स्पर्श किया और दर्शन कर आशीर्वाद लिया। पुजारी पं. रासबिहारी ने बताया भगवान जगन्नाथजी बीमार हो गए हैं। उनकी मूर्तियों को एकांत में तलघर में रखा गया है। अब रोजाना भगवान को काढ़ा दिया जाएगा, 15 दिन तक यह क्रम चलेगा। इस दौरान भक्तों को भगवान के दर्शन नहीं होंगे।
26 जून को पट खोले जाएंगे, 27 को रथयात्रा निकलेगी
26 जून को पट खोले जाएंगे। इसके बाद 27 जून को भगवान की रथयात्रा निकलेगी। यह रथयात्रा किशनगंज स्थित कालिका मां मंदिर तक जाएगी। इसके बाद भगवान सात दिन तक जिस प्रकार अपनी मौसी के यहां रहते हैं, ठीक वैसे ही भगवान सात दिन तक मां के मंदिर में रहेंगे। इसके बाद इन मूर्तियों को दोबारा लाकर मंदिर में स्थापित किया जाएगा।
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