allegation of negligence in treatment | इलाज में लापरवाही का आरोप: सीएचएल के डॉ. पोरवाल सहित तीन के खिलाफ जमानती वारंट जारी – Indore News Darbaritadka

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बायपास सर्जरी के बाद 2019 में मरीज की हो गई थी मौत

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इलाज में लापरवाही बरतने, मरीज की मृत्यु हो जाने के मामले में जिला एवं सत्र न्यायालय ने सीएचएल अस्पताल के डॉक्टर मनीष पोरवाल, पीयूष गुप्ता और डॉक्टर अरुण चोपड़ा के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया है।

हार्ट की समस्या होने पर पांडुरंग महाजन को 21 जनवरी 2019 को सीएचएल अस्पताल में भर्ती किया गया था। परिवाद में उल्लेख किया है कि भर्ती के समय कार्डियक सर्जन डॉ. मनीष पोरवाल ने मरीज पांडुरंग और उनकी जांच रिपोर्ट्स देखकर बायपास करवाने का सुझाव दिया था। डॉ. पोरवाल से बायपास करवाने की सहमति परिजनों ने अस्पताल को दी थी। पांडुरंग 21 जनवरी 2019 से अस्पताल में भर्ती रहे।

31 जनवरी 2019 को मरीज की बायपास सर्जरी की गई। सर्जरी के बाद मरीज की स्थिति बिगड़ गई। इसकी जानकारी डॉ. पोरवाल और अन्य को दी गई। परंतु समय पर उचित इलाज के अभाव में 1 फरवरी 2019 को पांडुरंग महाजन की मृत्यु हो गई।

जूनियर डॉक्टर ने कर दी सर्जरी परिवाद में कहा गया कि मरीज की हार्ट बायपास सर्जरी डॉ. मनीष पोरवाल के नाम पर सहमति लेकर जूनियर डॉक्टर डॉ. पीयूष गुप्ता द्वारा की गई, जो धोखाधड़ी है। आईसीयू में डॉ. अरुण चोपड़ा ने मरीज का सीपीआर किया, जबकि मेडिकल काउंसिल की गाइडलाइंस के अनुसार वे इसके लिए अधिकृत नहीं थे। परिजन किरण महाजन ने केस पेपर देखकर यह जानकारी पाई और प्रमुख सचिव स्वास्थ्य, राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग आदि से शिकायत की।

इसके बाद 6 नवंबर 2020 को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, इंदौर के समक्ष परिवाद दायर किया गया। 17 मई 2025 को सुनवाई में न्यायालय ने सीएचएल अस्पताल, डॉ. पोरवाल, डॉ. गुप्ता और डॉ. चोपड़ा के विरुद्ध धारा 304ए भादवि के तहत संज्ञान लेते हुए 5000-5000 रुपये के जमानती वारंट जारी किए।

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