कॉलेजों में एडमिशन के पहले दौर की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया में अब सिर्फ तीन दिन बचे हैं, लेकिन चार कोर्स में एडमिशन के लिए पात्र छात्र नहीं हैं। नई एडमिशन गाइडलाइन में ऐसी शर्त रखी गई है, जिसने एक डिग्री व तीन डिप्लोमा कोर्स की एडमिशन प्रक्रिया से हजार
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चौंकाने वाली बात यह है कि यूजी में किसी भी कोर्स में छात्रों के पास मैजर सब्जेक्ट के लिए कम्प्यूटर का विकल्प नहीं था। सवाल यह उठ रहा है कि अब छात्र पीजीडीसीए में एडमिशन कैसे लेगा? यही नहीं, फॉरेन ट्रैड व फैशन डिजाइनिंग सब्जेक्ट भी मैजर के तौर पर नहीं दिए गए थे। ऐसे में छात्र डिप्लोमा इन फॉरेन ट्रैड, फेशल डिजाइनिंग में एडमिशन से अपात्र घोषित हो गए हैं। इन कोर्स में पहले राउंड में 1 से 5 फीसदी सीटें भी बमुश्किल भरने की संभावना है।
- 07 हजार से ज्यादा सीटें हैं एमए के सभी स्पेशलाइजेशन की इंदाैर में
- 06 हजार सीटें हैं एमकॉम की
- 4100 सीटें हैं एमएससी की
तर्क : पुराने छात्रों के मामले में सॉफ्टवेयर की गड़बड़ी तो नहीं
हालांकि, उच्च शिक्षा विभाग से जुड़े अफसरों का कहना है कि पुराने छात्रों पर नया नियम नहीं लागू करने का जिक्र गाइडलाइन में था, लेकिन पहली बार पोर्टल एजेंसी बदली है, इसलिए संभवत: सॉफ्टवेयर में गड़बड़ी के कारण ऐसा हुआ होगा। शिक्षाविद डॉ. मंगल मिश्र कहते हैं कि तत्काल यह गलतियां सुधारी जाना चाहिए।
1967-68 से चला आ रहा नियम इस बार बदल डाला
दरअसल, पिछले माह जारी हुई उच्च शिक्षा विभाग की एडमिशन गाइडलाइन में वह नियम बदल दिया गया, जो डीएवीवी की शुरुआत (1964) के तीसरे-चौथे वर्ष 1967-68 से लागू हुआ था। शासकीय कॉलेजों में तो उससे कई साल पहले से यह नियम था कि बीकॉम का छात्र एमए कर सकता है।
पुरानी शिक्षा नीति से बीकॉम, बीए वालों को भी एमए में रोका
उच्च शिक्षा विभाग की एडमिशन गाइडलाइन न केवल न्यू एजुकेशन पॉलिसी, बल्कि अब पुरानी शिक्षा नीति के छात्रों के लिए भी मुसीबत बन गई है। एक नियम हजारों छात्रों के भविष्य पर भारी पड़ रहा है। अब पुरानी शिक्षा नीति से बीकॉम करने वाले छात्रों को भी सिर्फ एमकॉम करने का ही मौका मिलेगा। वे एमए नहीं कर पाएंगे।
नई पॉलिसी के लिए यह नया नियम लागू किया था
दरअसल, नए नियम के अनुसार छात्रों ने यूजी (बीकॉम, बीए व बीएससी) में जो सब्जेक्ट मैजर-माइनर में चुने हैं, उन्हीं में वे एमए (स्पेशलाइजेशन) कर सकेंगे। यही नहीं बीएससी के छात्रों को भी इसी नियम से प्रवेश मिलेगा, जबकि बीकॉम में छात्र ने जो सब्जेक्ट पढ़े हैं, उन्हीं विषयों को उन्हें एमकॉम में भी पढ़ना होगा।
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