अतरंगी कारनामे करने की कोई उम्र नहीं होती, ऐसा नहीं है कि आम तमाम क्वालिफिकेशन हासिल कर लें, इसके बाद ही अजूबे गढ़ें… बल्कि छोटे-छोटे जादू अब अपनी छोटी उम्र में भी दिखा सकते हैं। कुछ ऐसा ही भरोसा दिलाती है भोपाल के जयदित्य मालवीय की जर्नी।
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शहर के एलएनसीटी कॉलेज में बीटेक थर्ड ईयर के स्टूडेंट जयदित्य ने हाल ही में यूएसए की सबसे बड़ी स्पेस रिसर्च कंपनी नासा (नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन) की सैटेलाइट प्रोग्रामिंग और वेबसाइट सिक्योरिटी में कुछ गड़बड़ियां पकड़ीं। खास बात यह है कि उन्होंने न सिर्फ इन गड़बड़ियों को पकड़ा, बल्कि इन्हें सुधारने के लिए नए कोड और नया एल्गोरिद्म डिजाइन किया, जिसका इस्तेमाल अब नासा की एडवांस्ड सैटेलाइट्स में किया जा रहा है। यह कारनामा उन्होंने कैसे किया… बता रहे हैं खुद जयदित्य।
कोरोना के समय सीखी कोडिंग लैंग्वेज… अक्टूबर-2024 में अपना रिस्पॉन्स नासा में भेजा : जयदित्य
मैं असल में 2022 से नासा से जुड़ा हुआ हूं। कोरोना टाइम में सारी पढ़ाई ऑनलाइन चल रही थी और मैं घर पर बोर हो रहा था। खुद को एंगेज करने के लिए ऑनलाइन प्रोग्राम ढूंढ रहा था, तभी नासा के सर्टिफिकेट कोर्स का पता चला, यहां वो कोडिंग लैंग्वेज सीखने को मिली, जो नासा सैटेलाइट्स में इस्तेमाल करता है। सिर्फ नासा ही नहीं, कई ऑनलाइन कोर्स और प्रोजेक्ट्स किए।
12वीं पूरी होने तक मेरा प्रोफाइल सर्टिफिकेट कोर्सेज के कारण स्ट्रॉन्ग हो गया था। नासा का कोर्स पूरा होने के बाद एक प्रोग्रामिंग टेस्ट हुआ, फिर इंटरव्यू और ऑफलाइन प्रेजेंटेशन में क्वालिफाई हो 12 दिनों के लिए सिलिकॉन वैली कैलीफोर्निया में ट्रेनिंग के लिए बुलाया गया। इसके बाद मेरी ऑनलाइन मेंटरिंग और ट्रेनिंग तब से ही चल रही है।
सैटेलाइट इमेजेस पर नहीं था कोई पहरा
कई बार लोगों से सुना था कि नासा अपने सिस्टम को अपडेट करने के लिए वलनेरेबिलिटी डिस्क्लोजर पॉलिसी फॉलो करता है। सोचा एक बार मैं भी इसे जरूर ट्राय करूंगा। मेरी ट्रेनिंग पहले से सैटेलाइट कम्युनिकेशन की चल रही थी, तो मैं इसके कोड्स को समझता था। जब इन्हें गड़बड़ियां तलाशने के हिसाब से एग्जामिन किया, तब समझ में आया कि इनके सैटेलाइट कम्युनिकेशन में एक बड़ी प्रॉब्लम है। सैटेलाइट के कैप्चर रॉ-इमेजेस को कोई अनऑथराइज्ड पर्सन भी आसानी से देख सकता था।
फिर, मैंने इसके लिए एक ऐसा कोड और एग्लोरिद्म बनाया, जोकि नासा के केवल उस प्रोजेक्ट से जुड़े ऑथराइज्ड लोगों को ही इसके एक्सेस की परमिशन दे और इसके अलावा कोई भी इसे एक्सेस करना चाहे, तो उसे न सिर्फ रोके, बल्कि ब्लॉक भी कर दे।
जयदित्य के सुझाए कोड्स ही अब हो रहे इस्तेमाल
इस प्रॉब्लम पर मैंने अक्टूबर-2024 में अपना रिस्पॉन्स नासा में भेजा। नासा के चीफ इन्फॉर्मेशन ऑफिसर माइक विट की ओर से मुझे एकनॉलेज करते हुए लेटर जारी किया। इसमें उन्होंने मेरी एक इंडिपेंडेंट सिक्योरिटी रिसर्चर के तौर पर गड़बड़ी तलाशने व हल सुझाने के लिए सराहना की। मैं ट्रेनिंग के दौरान से ही नासा के सैटेलाइट कम्युनिकेशन एक्सपर्ट्स के साथ संपर्क में हूं, तो हाल ही में यह सूचना भी मिली कि अब नासा मेरे सुझाए कोड्स को ही एडवांस्ड सैटेलाइट्स में इस्तेमाल कर रहा है, ताकि नासा की वेबसाइट व सैटेलाइट द्वारा लिए गए डेटा को सुरक्षित रखा जा सके।
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