40-50 crore business from Indore, will call customers and tell them not to buy online | इंदौर के व्यापारी नहीं बेचेंगे चीन-बांग्लादेश के कपड़े: 20 करोड़ का माल लौटाया; हर महीने हाेता है 125 करोड़ से ज्यादा का कारोबार – Indore News Darbaritadka

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व्यापारियों ने चीन-बांग्लादेश के कपड़े नहीं बेचने की शपथ ली है।

इंदौर के व्यापारी चीन और बांग्लादेश के कपड़े नहीं बेचेंगे। वे इनके बहिष्कार की मुहिम चला रहे हैं। दुकानों के बाहर पोस्टर लगा दिए गए हैं। पुराने माल को पहले ही वापस कर दिया है। सारा लेन-देन भी पूरा कर लिया गया।

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व्यापारियों ने पिछले 10 से 12 दिन में करीब 20 करोड़ रुपए का चीनी माल वापस कर दिया है। यही नहीं रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन के सदस्य अपने ग्राहकों से भी अपील कर रहे हैं कि वे ऑनलाइन भी इन देशों का सामान ना खरीदे।

अब तक 22 हजार से ज्यादा ग्राहकों से संपर्क किया जा चुका है। कॉल से माध्यम से लगातार यह काम जारी है। इस मुहिम में जुड़ने के लिए इंदौर के बाहर से भी व्यापारियों से भी संपर्क कर रहे हैं।

बता दें, इंदौर में चीन से हर महीने करीब 75 करोड़ रुपए और बांग्लादेश से 30 से 35 करोड़ रुपए महीने का गारमेंट्स आता है। आसपास के शहरों में भी 40 से 50 करोड़ रुपए का व्यापार होता है। यानी सभी मिलाकर लगभग 125 करोड़ रुपए का व्यापार होता है।

इसलिए व्यापारियों ने लिया निर्णय दरअसल, पहलगाम आतंकी हमले के बाद ऑपरेशन सिंदूर के दौरान चीन और बांग्लादेश पाकिस्तान समर्थन में खड़े नजर आए थे। इसके चलते इंदौर रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन के व्यापारियों ने यहां के कपड़ों का व्यापार बंद करने का फैसला लिया है।

प्लानिंग के अनुसार 10-12 दिन पहले ही डिस्ट्रिब्यूटरों से इन कपड़ों को मंगाना बंद कर दिया था। जो माल व्यापारियों के पास था उसे लौटाना शुरू कर दिया। नए ऑर्डर भी कैंसिल कर दिए।

इसके बाद बुधवार को व्यापारियों ने चीन-बांग्लादेशी कपड़े नहीं बेचने का फैसला लिया। उन्होंने भगवान के सामने शपथ ली थी। फिर अपनी दुकानों के बाहर पोस्टर लगा दिए। जिसमें लिखा है कि हम चीन और बांग्लादेश के कपड़े नहीं बेचेंगे।

डिस्ट्रिब्यूटरों को चीन और बांग्लादेश के कपड़े नहीं भेजने को लेकर लेटर भेजे जा रहे हैं।

फाइबर गारमेंट्स की ज्यादा डिमांड इंदौर के मार्केट में फायबर की टी-शर्ट, टॉप्स, किड्स वियर, वूलन, डेनिम, होजियरी सहित कई गारमेंट्स चीन से आती है। फायबर गारमेंट्स लोगों को ज्यादा आकर्षित करता है। बांग्लादेश से डेनिम और होजरी ज्यादा आता है।

यह माल बड़े पैमाने पर बिकता है। इंदौर में किड्स वियर की काफी डिमांड है। व्यापारियों का कहना है कि बांग्लादेश और चीन के माल की जगह लुधियाना से होजरी मंगाएंगे। अहमदाबाद में डेनिम, शूटिंग शर्टिंग का माल लाएंगे। इससे स्वदेशी मार्केट आगे बढ़ेगा।

बचे हुए माल की होली जलाएंगे व्यापारी हालांकि, व्यापारियों ने 10-12 दिन पहले ही अपना बचा हुआ माल वापस भेजना शुरू कर दिया था। उसके बावजूद जो बच गया है, अब उसकी होली जलाएंगे। तय हुआ है कि सोमवार को नगर निगम और प्रशासन से इसकी अनुमति ली जाएगी। अनुमति मिलते ही होली जलाकर उसके बचे हुए वेस्ट को नगर निगम को सौंप देंगे।

राजवाड़ा के समीप दुकानों पर लगे पर्चे लगाए गए हैं।

40 से 50 करोड़ का व्यापार इंदौर से रिटेल गारमेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय जैन ने बताया कि हमने चीन-बांग्लादेशी कपड़ों का व्यापार बंद करने का फैसला लिया है। हमारी यह मुहिम लगातार जारी रहेगी।

अक्षय जैन ने बताया-

चीन-बांग्लादेश का बड़े पैमाने पर माल यहां आता है और बिकता भी है। इस चेन को तोड़ने के लिए हमने 80 डिस्ट्रिब्यूटरों को लेटर भेजे हैं। इंदौर में हर महीने चीन से 75 करोड़ रुपए तक का गारमेंट्स और बांग्लादेशी से 30 से 35 करोड़ रुपए का माल आता है। पिछले 10 से 12 दिन में हमने 15 से 20 करोड़ रुपए का माल वापस किया है।

राजवाड़ा के पास स्थिति मार्केट में कपड़ों की कई दुकानें हैं।

जो पहनो वह भारतीय पहनो, स्वदेशी पहनो एसोसिएशन के अध्यक्ष अक्षय जैन का कहना है कि हम युवाओं को भी जागरूक करेंगे। सेलिब्रिटिज को साथ लाएंगे। अपील कराएंगे कि जो पहनो वह भारतीय पहनो, स्वदेशी पहनो। पूरा प्लान तैयार किया जाएगा। लोगों को ऑनलाइन माल खरीदने से रोकने का भी प्रयास किया जा रहा है।

आम तौर पर त्योहारों के समय अपने कॉल सेंटर से हम लोगों को खरीदारी के लिए दुकान पर बुलाते हैं। अब इस मामले को लेकर भी हमने कॉल सेंटर के माध्यम से लोगों को कॉल करना शुरू कर दिया है। अब तक 22 हजार से ज्यादा ग्राहकों को कॉल लगाए जा चुके हैं। सभी से यहीं कहा जा रहा है कि वे चीन-बांग्लादेशी कपड़ों का इस्तेमाल ना करे और ना ही ऑनलाइन इन्हें खरीदे।

कॉल सेंटर से बांग्लादेशी और चीन के कपड़े नहीं खरीदने की अपील ग्राहकों से की जा रही है।

बुनाई और चमक से पहचान जाएंगे व्यापारियों का कहना है कि चीन और बांग्लादेश के कपड़ों पर चायना का टैग लगा ही दिखेगा। उस पर लेबल और फिनिशिंग देखकर पहचाना जा सकता है। यहां का माल पायरेटेड होता है। उनकी बुनाई और चमक से आसानी से पहचाना जा सकता है। स्वदेशी माल की बिक्री के लिए पूरी ताकत लगाने जा रहे हैं।

जनता से भी स्वदेशी माल ही खरीदने की अपील कर रहे हैं। व्यापारियों के पास इस निर्णय के बाद आसपास के शहरों से भी व्यापारियों के कॉल आ रहे हैं वे भी इसकी शुरुआत करना चाहते हैं।

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ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद पाकिस्तान की मदद करने वाले देश तुर्किये के विरोध में भारत में बायकॉट की मुहिम चल रही है। देश भर में यहां से आने वाले सामान का बहिष्कार किया जा रहा है। इसका असर इंदौर में भी दिखाई दे रहा है। पूरी खबर यहां पढ़ें…

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