गुजरात में एक पटाखा फैक्ट्री का बॉयलर फटने से मध्यप्रदेश के 21 मजदूरों की मौत हो गई। धमाका इतना भीषण था कि कई मजदूरों के अंग 50 मीटर दूर तक बिखर गए। फैक्ट्री के पीछे खेत में भी कुछ मानव अंग मिले हैं।
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हादसा मंगलवार सुबह 8 बजे बनासकांठा के नजदीक डीसा में हुआ। सभी मजदूर हरदा जिले के हंडिया और देवास जिले के संदलपुर के रहने वाले थे। 3 मजदूरों की हालत गंभीर है। वहीं, 5 मजदूर मामूली रूप से घायल हैं। सभी 2 दिन पहले ही मजदूरी के लिए गुजरात आए थे।
विस्फोट के दौरान मजदूर पटाखा बनाने का काम कर रहे थे। धमाके के बाद वहां आग लग गई। फायर ब्रिगेड को आग पर काबू पाने में 5 से 6 घंटे लगे। बुधवार को सभी शवों को मध्यप्रदेश लाया जाएगा।
बनास मेडिकल कॉलेज के बेड पर एक साथ रखी मजदूरों की लाशें। बुधवार इन्हें मप्र लाया जाएगा।
सीएम ने की सहायता राशि देने की घोषणा हादसे पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने दुख जताया है। उन्होंने मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। गुजरात सरकार ने भी मृतकों के परिजन को 2-2 लाख रुपए और घायलों को 50-50 हजार रुपए आर्थिक सहायता देने की बात कही है। हरदा के विधायक डॉ. आरके दोगने ने मृतकों के परिवार को विधायक निधि से 20-20 हजार रुपए देने की घोषणा की।
धमाका इतना तेज था कि मजदूरों के शरीर के टुकड़े दूर तक बिखर गए।
एमपी से मंत्री और अफसरों की टीम गुजरात रवाना गुजरात में पटाखा फैक्ट्री में हुए हादसे के बाद राज्य सरकार की ओर से अनुसूचित जाति कल्याण मंत्री नागर सिंह चौहान बनासकांठा गए हैं। वहीं हरदा कलेक्टर आदित्य सिंह ने बताया कि मृतकों की शिनाख्त और घायलों की मदद के लिए अफसरों की टीम भेजी है।
इसमें संयुक्त कलेक्टर संजीव नागू, उप पुलिस अधीक्षक अजाक सुनील लाटा, तहसीलदार टिमरनी डॉ. प्रमेश जैन, नायब तहसीलदार देवराम निहरता तथा रहटगांव के पुलिस उप निरीक्षक मानवेंद्र सिंह भदोरिया शामिल हैं। इधर, देवास से भी अफसरों का एक दल वहां गया है।
इधर, मौत की खबर सुनकर रो पड़े परिजन
पटाखा फैक्ट्री में मजदूरों की मौत की खबर सुनकर हंडिया में परिजन रो पड़े।
परिजन बोले- खबर सुनी, फैक्ट्री में आग लग गई
घायल बोला- धमाका हुआ और बेहोश हो गए दैनिक भास्कर की टीम ने पालनपुर के बनास मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए भेजे गए विजय नाम के एक मजदूर से बात की। विजय ने कहा, ‘हम फैक्ट्री के अंदर काम कर रहे थे, तभी अचानक ब्लास्ट हुआ। हमें पता ही नहीं चला कि आखिर क्या हुआ था, बहुत तेज धमाका हुआ और हम बेहोश हो गए। जब मैंने अपनी आंखें खोलीं तो मेरे चारों ओर आग थी। हम झुलसी हालत में ही किसी तरह फैक्ट्री से बाहर भागे।
हादसे में तीन मजदूर 40 प्रतिशत से अधिक झुलस गए हैं।
तस्वीरों में देखिए हादसा…
धमाके के बाद फैक्ट्री के स्लैब ढह गए। कई मजदूर मलबे में दब गए।
मजदूर दो दिन पहले ही यहां पहुंचे थे। यहां पटाखे बनाने के काम में जुटे थे।
पटाखे बेचने का लाइसेंस था, बनाने का नहीं दीपक ट्रेडर्स नाम की यह पटाखा फैक्ट्री खूबचंद सिंधी की है। वह इस फैक्ट्री में विस्फोटक लाकर पटाखा बनवाते थे। हालांकि अब तक की जांच में पता चला है कि कंपनी मालिक के पास केवल पटाखे बेचने का लाइसेंस है, बनाने का नहीं, इसलिए स्थानीय पुलिस आगे की जांच में जुटी है।
सिंघार का सवाल- रोजगार देने में सरकार इतनी अक्षम नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा, सवाल सरकार से है कि हर दिन रोजगार का गाना गाने वाली सरकार इतनी अक्षम हो चुकी है कि मजदूरों को पलायन की आवश्यकता पड़ रही है, जिसमें उन्हें अपनी जान तक गंवानी पड़ रही है।
इस मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए और लापरवाही के दोषियों को चिह्नित करके उन्हें सजा मिले। इसके साथ ही पीड़ित परिवारों को मध्यप्रदेश सरकार समुचित मुआवजा दे और घायलों का बेहतर इलाज कराए।
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बेटे की तेरहवीं करनी थी, रुपए कमाने गए गुजरात: मां बोली-सब खत्म हो गया
होली पर बेटा सत्यनारायण का निधन हो गया था। उसकी तेरहवीं करने के लिए रुपए नहीं थे। इसलिए पोते समेत परिवार के 11 लोग काम करने गुजरात गए थे। वहां से काम करके लौटते तो बेटे की तेरहवीं करती, लेकिन उसके पहले ही पूरा परिवार खत्म हो गया। गुजरात से पता चला है कि हमारे घर के जो भी लोग काम करने गए थे। सभी शांत हो गए हैं। इसमें बेटा–बेटी, पोते–पोतियां, भांजे–भांजियां भी शामिल हैं।
ये दर्द हैं गीताबाई का। गीताबाई के तीन पोते समेत परिवार के 11 लोग गुजरात के बनासकांठा के पास डीसा में मजदूरी करने गए थे। पढ़ें पूरी खबर
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