‘रेबीज बम’ बनाम ‘बेजुबानों को सजा’; ‘आवारा कुत्ते’ वाले SC के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर भिड़े लोग

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आवारा कुत्तेImage Credit source: Unsplash

दिल्ली-NCR में आवारा कुत्तों (Stray Dogs) को शेल्टर होम में शिफ्ट करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने सोशल मीडिया पर एक बड़ी बहस (Debate On Stray Dogs) छेड़ दी है. लोग दो गुटों में बंट गए हैं. एक तरफ जहां लोग इसे ‘राहत की खबर’ बता रहे हैं, वहीं दूसरी ओर इसे ‘अव्यावहारिक और क्रूर’ बताकर कड़ा विरोध हो रहा है. माइक्रो ब्लॉगिंग साइट एक्स (पहले ट्विटर) पर हैशटैग #straydogs खूब ट्रेंड कर रहा है, और इस हैशटैग से लोगों के कमेंट्स की बाढ़ आई हुई है.

सुप्रीम कोर्ट के ‘आवारा कुत्ते’ वाले फैसले का बड़ी संख्या में लोग स्वागत कर रहे हैं. ऐसे लोग कुत्तों के काटने की घटनाओं और रैबीज से होने वाली मौतों का हवाला दे रहे हैं. इन लोगों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट का यह कदम सार्वजनिक सुरक्षा के लिए जरूरी है.

@ShefVaidya एक्स हैंडल से शेफाली वैद्य लिखती हैं, अगर डॉग लवर्स को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से इतनी ही नाराजगी है, तो वे कुछ आवारा कुत्तों को अपने घर ले जाकर उनकी देखभाल क्यों नहीं करते?

‘बासी रोटी खिलाने से कोई एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट नहीं बन जाता’

@Tushar15_ अकाउंट से तुषार गुप्ता ने मासूम बच्चों की सेफ्टी पर जोर देते हुए कहा, किसी को भी अपने तीन साल के बच्चे की जान जोखिम में नहीं डालनी चाहिए.वहीं, @desimojito हैंडल से मोहित ने कहा, आवारा कुत्तों का आतंक खत्म होना चाहिए.

सड़क पर खुले में घूम रहे ‘रेबिज बम’

विरोध करने वाले क्या कह रहे हैं?

दूसरी ओर कुछ लोग इस फैसले को असंवेदनशील बता रहे हैं और इसका कड़ा विरोध कर रहे हैं. ClayboxA के सीईओ और फाउंडर परमिंदर सिंह ने कहा, यह फैसला बुनियादी विकासवादी जीव विज्ञान की समझ की कमी को दर्शाता है. @samyuktahornad हैंडल से संयुक्ता हॉर्नाड ने लिखा, यह आदेश पशु जन्म नियंत्रण नियम 2023 और पशु कल्याण कानूनों का उल्लंघन करता है. @anishgawande ने फैसले को हर आवारा कुत्ते के लिए मौत की सजा बताया.

आवारा कुत्तों को लेकर सोशल मीडिया पर छिड़े इस महासंग्राम में आप किस तरफ हैं? हमें फेसबुक पर कमेंट करके जरूर बताएं.

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